दुर्गापुर: शोभापुर इलाके के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली MBBS सेकेंड ईयर की छात्रा रविवार रात अपने दोस्त के साथ डिनर के लिए निकली थी। कैंपस गेट के पास खड़े कुछ युवकों ने उनका पीछा किया। रास्ते में पहले मोबाइल छीना और फिर पैसों की मांग की। जब उसने पैसे न होने की बात कही, तो युवकों ने धमकाया कि “कल पैसे लेकर आना, तभी मोबाइल मिलेगा।” लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। पांचों युवकों ने उसके बाल पकड़कर जबरन जंगल की ओर घसीटा और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बीच, छात्रा का दोस्त वहां से भाग निकला। यह घटना कॉलेज कैंपस से करीब एक किलोमीटर दूर हुई।
पुलिस ने पांचों आरोपियों को पकड़ा, मोबाइल से मिला सुराग
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू की। आरोपियों के पास पीड़िता का मोबाइल मिला। उसी की कॉल डिटेल और टावर लोकेशन से पुलिस को सुराग मिला। 12 और 13 अक्टूबर को कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांचों आरोपियों — अपू बाउरी, फिरदौस शेख, रियाउजुद्दीन उर्फ मंटू, नसीरुद्दीन शेख और शेख सफीकुल — को गिरफ्तार कर लिया। सभी प्राणगंज गांव के रहने वाले हैं। फिलहाल पुलिस ने मामले में गैंगरेप की धारा लगाई है और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पीड़िता का बयान दर्ज किया जा चुका है।
घटनास्थल: अंधेरे में डूबा रास्ता और सुनसान इलाका
दुर्गापुर का शोभापुर इलाका शहर के बाहरी हिस्से में है। आसपास जंगल और खेत हैं। कॉलेज से निकलने वाले रास्ते पर स्ट्रीट लाइटें तो लगी हैं, लेकिन पहले जलती नहीं थीं। लोगों के मुताबिक, इस सुनसान इलाके में रात के समय कुछ युवक नशा करने आते हैं। स्थानीय निवासी विकास मंडल ने बताया, “इस सड़क पर हमेशा अंधेरा रहता है। अब घटना के बाद लोग यहां से आने-जाने से डरने लगे हैं।”
पीड़िता के पिता बोले — बेटी का दोस्त भी शक के घेरे में
ओडिशा निवासी छात्रा के पिता ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है, “घटना के वक्त उसका दोस्त उसे छोड़कर भाग गया। उसने किसी को फोन तक नहीं किया। हमें शक है कि कहीं वो भी आरोपियों से मिला हुआ तो नहीं।” उन्होंने कहा, “हमने बेटी को अस्पताल में बहुत खराब हालत में देखा। पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने शुरू में कोई मदद नहीं की। अब जब ओडिशा पुलिस और राजनीतिक दबाव बढ़ा तो कार्रवाई तेज हुई।”
आरोपियों के परिवार बोले — हमारे बेटे निर्दोष हैं
आरोपियों के परिवारों ने पुलिस पर बिना जांच गिरफ्तारी का आरोप लगाया। अपू बाउरी की पत्नी मानुनी ने कहा, “घटना के वक्त मेरा पति घर पर था। पुलिस सुबह 4 बजे आई और उसे उठा ले गई। हमें कुछ नहीं बताया गया।” अपू की मां ने कहा, “मेरा बेटा मजदूर है। छोटी सी बेटी है। वो ऐसा काम नहीं कर सकता।” इसी तरह, अन्य आरोपियों के परिवारों ने भी अपने बेटों की बेगुनाही का दावा किया।
फोरेंसिक जांच और राजनीतिक विरोध
पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है। घटना के 36 घंटे बाद फोरेंसिक टीम ने जगह की वीडियोग्राफी और साक्ष्य एकत्र किए। घटना के बाद BJP, कांग्रेस और CPI(M) के कार्यकर्ताओं ने न्यू टाउनशिप थाना के बाहर प्रदर्शन कर दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की। BJP नेता परिजात गांगुली ने कहा, “पुलिस ने अब तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। गिरफ्तारियां किस आधार पर हुईं, यह स्पष्ट नहीं है। अगर पीड़िता का मोबाइल बरामद हुआ, तो पुलिस ने अब तक उसे जानकारी क्यों नहीं दी?”
पुलिस फिलहाल पांचों आरोपियों और पीड़िता के दोस्त से पूछताछ कर रही है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। वहीं, पीड़िता फिलहाल अस्पताल में उपचाराधीन है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।