
जमशेदपुर: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में अधिकारियों को जिले में बाल श्रम के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाने का निर्देश दिया गया. मित्तल ने कहा कि एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के साथ बैठक कर एक कार्ययोजना तैयार की जाए और बाल श्रम के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए.
विभिन्न योजनाओं की समीक्षा
इसके साथ ही, श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर भी गहरी चर्चा की गई. इसमें प्रमुख योजनाएं थीं:
• भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना
• निर्माण श्रमिक सुरक्षा किट योजना
• मातृत्व सहायता योजना (15,000 रुपये की सहयोग राशि)
• मेधावी पुत्र-पुत्री छात्रवृत्ति योजना (5,000 से 50,000 रुपये की सहयोग राशि)
• अंत्येष्टि सहायता योजना (10,000 रुपये)
• झारखंड निर्माण कर्मकार मृत्यु दुर्घटना/सहायता योजना (2 लाख से 4 लाख रुपये)
• चिकित्सा सहायता योजना
• विवाह सहायता योजना
• विभिन्न पेंशन योजनाएं
मित्तल ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को इन योजनाओं से जागरूक करने और उन्हें अधिकतम लाभ दिलाने का निर्देश दिया.
श्रम कानूनों का पालन और बेरोजगारों का प्रशिक्षण
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त ने इस बात पर भी जोर दिया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हित में श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाए, ताकि श्रमिकों को उनके अधिकार सही तरीके से मिल सकें.नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान बेरोजगारों को स्थानीय कंपनियों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण देने और उन्हें रोजगार से जोड़ने पर चर्चा की गई. उन्होंने सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने की बात की, जिसमें स्थानीय कंपनियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी, ताकि बेरोजगारों को कंपनियों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिलवाकर उन्हें नियुक्त किया जा सके.
इसके अतिरिक्त, मित्तल ने नियमित अंतराल पर रोजगार मेलों का आयोजन करने का भी निर्देश दिया, जिससे बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ा जा सके और वे अधिक अवसरों से लाभान्वित हो सकें.
इसे भी पढ़ें : Saraikela : साप्ताहिक जनता दरबार में विभिन्न क्षेत्र से पहुंचे फरियादी, डीसी ने शिकायतों के निष्पादन का दिया निर्देश