
सरायकेला: सरायकेला व्यवहार न्यायालय के जूनियर जज आशीष अग्रवाल की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में बीडीओ कार्यालय की चल संपत्ति को बेचकर मनरेगा मजदूर का बकाया भुगतान करने का आदेश दिया है. यह फैसला वाद संख्या 5 / 2024 मामले में लिया गया, जिसमें मनरेगा मजदूर चांद मुनि मुड़ारी द्वारा अपने बकाया मजदूरी की राशि का भुगतान न होने पर अदालत में मामला दायर किया था.
मजदूरी का बकाया भुगतान
अदालत ने आदेश दिया है कि मनरेगा मजदूर चांद मुनि मुड़ारी को 73,278 रुपये का बकाया भुगतान 29 मार्च तक किया जाए. सिविल जज आशीष अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डिस्टेंस वारंट जारी किया और बीडीओ कार्यालय को आदेश दिया कि वह अपनी चल संपत्ति बेचकर उक्त मजदूरी का भुगतान करे.
मनरेगा आयुक्त को पत्र
बीडीओ कार्यालय ने बताया कि मनरेगा मजदूर के बकाया मजदूरी के भुगतान को लेकर मनरेगा आयुक्त से पत्राचार किया गया था, लेकिन फंड की कमी के कारण भुगतान नहीं किया जा सका. अब अदालत के आदेश के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूर का बकाया भुगतान किया जाएगा
यह मामला उस समय चर्चा में आया जब मनरेगा मजदूर चांद मुनि मुड़ारी ने अदालत से न्याय की गुहार लगाई थी. अदालत के इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि यदि सरकार की तरफ से कोई भुगतान लंबित है, तो उसे कानून के तहत पूरा करना ही होगा.
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