
जमशेदपुर: जमशेदपुर के बर्मामाइंस गुरुद्वारा में रविवार को पूरे श्रद्धा और परंपरा के साथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व मनाया गया। यह पर्व 421वां वर्षगांठ था, जिसमें बड़ी संख्या में संगत शामिल हुई और लंगर प्रसाद का आनंद लिया।
इस अवसर पर पिछले 25 वर्षों से गुरु की सेवा में जुड़े गुरुद्वारा के ग्रंथी इकबाल सिंह को उनकी धर्मपत्नी बीबी कुलदीप कौर और बेटे रामप्रीत सिंह एवं गुरप्रीत सिंह सहित प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।
समारोह में बाबा इकबाल सिंह ने कथा करते हुए बताया कि पांचवें गुरु अर्जन देव जी ने गुरुओं की वाणी के साथ-साथ संत कबीर, शेख फरीद, नामदेव, रविदास सहित कई संतों और 11 भट्ट ब्राह्मणों की वाणी को संकलित कर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का रूप दिया। 1 सितंबर 1604 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इसका पहला प्रकाश हुआ था, जिसे आज पूरी दुनिया में पहला प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने 1708 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को गुरु पद प्रदान किया था।
समारोह में भाई रामप्रीत सिंह और भाई गुरप्रीत सिंह ने मधुर कीर्तन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी, नौजवान सभा और स्त्री सत्संग सभा के सदस्य सहित बड़ी संख्या में संगत मौजूद रही।
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