
जमशेदपुर: सहकारिता विभाग एवं नाबार्ड द्वारा लैंपस/पैक्स को सशक्त बनाने एवं बहुपयोगी केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई. यह कार्यक्रम कैनेलाइट, साकची में संपन्न हुआ, जिसमें परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
इस कार्यशाला में कोल्हान प्रमंडल के लैंपस/पैक्स अध्यक्ष एवं सचिवों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए.
लैंपस योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष जोर
परियोजना निदेशक ने लैंपस से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया. उन्होंने लैंपस प्रतिनिधियों से संस्थानों के सुदृढ़ीकरण एवं भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की.
प्रतिनिधियों ने अपनी कठिनाइयों को पदाधिकारियों के समक्ष रखा, जिनके समाधान हेतु डीडीएम नाबार्ड ने समन्वय बढ़ाने और ठोस रणनीति अपनाने पर बल दिया.
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में ठोस कदम
कार्यशाला में कोल्हान प्रमंडल के कंप्यूटरीकृत लैंपस को ई-लैंपस के रूप में विकसित करने पर विशेष चर्चा की गई. लैंपस के अभिलेखों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया और इसके प्रभावों की समीक्षा की गई. जिन लैंपस के अभिलेख ऑनलाइन किए जा चुके हैं, उनमें आई विसंगतियों पर चर्चा कर सुधार के सुझाव दिए गए.इस कार्यशाला में कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों के जिला सहकारिता पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड एवं दुग्ध उत्पादक फेडरेशन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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