
जमशेदपुर : मंगलवार को टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क ने पृथ्वी दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें प्राकृतिक रूप से जैविक कीटनाशक बनाने के तरीके के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में बिदू चन्दन ट्रस्ट और जल ज्योति फाउंडेशन ट्रस्ट से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के किसानों और युवाओं ने भाग लिया।
कीटनाशक कैसे बना सकते हैं?
कार्यक्रम में बताया गया कि केमिकल मुक्त खाद और कीटनाशकों के उपयोग से हमारे खेत और मिट्टी कैसे नष्ट हो रहे हैं। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि कैसे हमारे खेतों और खलिहरों में उग रहे नीम, पपीते और अन्य पत्तों से हम प्राकृतिक कीटनाशक बना सकते हैं।कार्यक्रम में किसानों को प्राकृतिक कीटनाशक बनाने के तरीके के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि कैसे वे अपने खेतों में उग रहे पौधों का उपयोग करके कीटनाशक बना सकते हैं और अपने खेतों को स्वस्थ और उत्पादक बना सकते हैं।
कीटनाशक के महत्व के बारे में जागरूक हुए
इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक कीटनाशक बनाने के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें अपने खेतों में स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस कार्यशाला की ट्रेनर डॉ. सीमा रानी, जीव विज्ञानी सह शिक्षा अधिकारी द्वारा दिया गया. इन्होंने बताया कि धरती के केवल 6 इंच की मिट्टी ही हमारे लिया उपयोगी है उसके नीचे की मिट्टी किसी काम की नहीं होती है। हमें ऐसे ही पौधे लगाना चाहिए जो हमारे मिट्टी और पर्यावरण के लिए उपयोगी हो।
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