
रांची: झारखंड के बहुचर्चित हजारीबाग जमीन घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे को चार दिन की रिमांड पर लिया है। एसीबी अधिकारी आने वाले चार दिनों तक उनसे इस मामले की गहराई से पूछताछ करेंगे। माना जा रहा है कि कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
18 साल पुराना मामला
यह घोटाला करीब 18 साल पुराना है। वर्ष 2005 से 2007 के बीच विनय चौबे हजारीबाग के उपायुक्त (डीसी) थे। आरोप है कि उनके कार्यकाल में जमीन से जुड़े फर्जी कागजात तैयार कराए गए, जिससे कुछ लोगों को अनुचित फायदा पहुंचाया गया। कहा जाता है कि इसी दौरान सरकारी और निजी जमीन पर कब्जे का रास्ता आसान हो गया था।
पहले भी हो चुके हैं गिरफ्तार
विनय चौबे झारखंड कैडर के 1999 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे इस मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। इतना ही नहीं, राज्य के चर्चित शराब घोटाले में भी उनका नाम प्रमुख आरोपी के तौर पर सामने आया था। उस मामले में हाल ही में उन्हें जमानत मिली थी। अब जमीन घोटाले में रिमांड से एक बार फिर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
अफसर-माफिया गठजोड़ पर नजर
सूत्रों के मुताबिक, एसीबी रिमांड के दौरान यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इस घोटाले से किन लोगों को फायदा पहुंचा और इसमें किन अफसरों व जमीन माफियाओं की मिलीभगत रही। इस कार्रवाई से न केवल सरकारी तंत्र, बल्कि माफिया नेटवर्क में भी हड़कंप मच गया है।
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