
रांची: झारखंड का प्रमुख पर्व करमा पूजा पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जा रहा है। आदिवासी समाज के लिए यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान और प्रकृति से गहरे रिश्ते का प्रतीक भी है। राजधानी रांची समेत विभिन्न जिलों के अखरों में पाहन की अगुवाई में श्रद्धालुओं ने करम डाल की पूजा की और जावा अर्पित कर अच्छी फसल, परिवार की खुशहाली और भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती की कामना की।
रांची विश्वविद्यालय में गूंजे करमा गीत और नृत्य
रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग में करमा उत्सव का विशेष आयोजन किया गया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में करमा नृत्य प्रस्तुत किया। ढोल-नगाड़ों की थाप और करमा गीतों की गूंज से पूरा परिसर उत्सवमय हो उठा।
मंत्री चमरा लिंडा का संदेश
कार्यक्रम में मंत्री चमरा लिंडा विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि करमा पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह प्रकृति संरक्षण और संतुलित जीवन का संदेश देता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहें और पर्यावरण की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाएं।
राजधानी में मुख्य कार्यक्रम आज रात
राजधानी रांची में जगह-जगह करमा पूजा का आयोजन हो रहा है। मुख्य कार्यक्रम देर रात रांची कॉलेज साइंस ब्लॉक स्थित अखरा स्थल पर होगा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल होंगे। वहीं हरमू स्थित सहजानंद चौक अखरा स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की उपस्थिति रहेगी।
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