
पोटका: पोटका प्रखंड स्थित हेंसलबिल पंचायत के सुदूसाई गांव में “संपत्ति पर महिला का अधिकार” विषय पर नेतृत्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को संपत्ति के अधिकार और लैंगिक असमानता पर जागरूक करना था. कार्यशाला का संचालन डालसा सचिव राजेंद्र प्रसाद के निर्देश पर किया गया. इस अवसर पर पीएलवी चयन कुमार मंडल और छाकु माझी को आमंत्रित किया गया था, जो महिला अधिकारों और लैंगिक समानता पर जानकारी प्रदान करने के लिए उपस्थित थे.
पैत्तृक संपत्ति पर समान अधिकार
पीएलवी मंडल ने बताया कि हमारे हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम 1956 के अनुसार, जिसमें 2005 में संशोधन हुआ था, बेटों की तरह बेटियों को भी पैतृक संपत्ति पर बराबरी का अधिकार है. सौतेली मां और उसके पुत्रों को इस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं हो सकता, लेकिन दूसरी मां की संतान को पहले मां के संतान की तरह इस संपत्ति का अधिकार मिलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि अगर मां जीवित नहीं है, तो यह अधिकार उसके पुत्र-पुत्रियों पर भी कायम रहेगा.
समाज में लिंग असमानता की स्थिति
कार्यशाला में यह भी चर्चा की गई कि हमारे समाज में आज भी लिंग असमानता देखने को मिलती है, जिसके कारण बेटियों को हमेशा ही समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है. यह भेदभाव उनके व्यक्तित्व विकास में रुकावट डालता है. लड़कियों को अक्सर उनके काबिलियत के अनुसार अवसर नहीं मिलते. हमें अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है और लड़कियों को हर मोर्चे पर प्रोत्साहित करना चाहिए.
महिलाओं की भागीदारी और जागरूकता
संवाद संस्था के सालगे मारडी ने ग्राम सभा में महिलाओं की भागीदारी की महत्ता पर चर्चा की और महिला समितियों की बैठक में लिंग असमानता, बाल विवाह, नशा मुक्ति जैसे विषयों पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने यह भी कहा कि जागरूकता फैलाने के लिए हमें गांव-गांव में महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा करने की आवश्यकता है.
कार्यशाला में उपस्थित लोग
कार्यशाला के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन संवाद संस्था के नीरसो हांसदा ने किया. इस मौके पर डालसा के पीएलवी चयन कुमार मंडल, छाकु माझी, संवाद संस्था से सालगे मारडी, नीरसो हांसदा, पूर्व पं. स.स देवती सरदार, लखी सरदार, सबिता सरदार, श्रीमती सरदार आदि उपस्थित थे.
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