
पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 अप्रैल को बिहार के बेगूसराय जिले में चल रही ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा में भाग लिया. यह राहुल गांधी का तीन महीनों में तीसरा बिहार दौरा है. इस पदयात्रा का उद्देश्य राज्य के युवाओं की बेरोजगारी, शिक्षा और पलायन जैसी गंभीर समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करना है.
कन्हैया कुमार की अगुवाई में चल रही है पदयात्रा
यह यात्रा NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार के नेतृत्व में चलाई जा रही है. इसकी शुरुआत पिछले महीने पश्चिम चंपारण जिले के भितिहारवा आश्रम से हुई थी. अब यह यात्रा कन्हैया के गृह जिले बेगूसराय पहुँची है. राहुल गांधी की उपस्थिति ने इस यात्रा को नई ऊर्जा दी है.
सफेद टी-शर्ट और एकजुटता का प्रतीक
राहुल गांधी ने पदयात्रा में भाग लेने वाले युवाओं से सफेद टी-शर्ट पहनने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह कदम युवाओं के संघर्ष और पीड़ा को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत करता है. उन्होंने युवाओं को एकजुट होकर राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश दिया.
“बिहार को अवसरों का प्रदेश बनाना है”
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा, “हम बिहार को अवसरों से भरा राज्य बनाना चाहते हैं. इसके लिए हमें मिलकर संघर्ष करना होगा.” उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, सरकारी नौकरियों की कमी और शिक्षा की गिरती गुणवत्ता जैसे मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की.
कन्हैया-राहुल की निकटता: गठबंधन का संकेत?
बेगूसराय में राहुल गांधी की मौजूदगी को कांग्रेस और कन्हैया कुमार के राजनीतिक समीकरणों से भी जोड़कर देखा जा रहा है. कन्हैया ने यहीं से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी और 2019 में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी भी रहे थे. हालांकि उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
कांग्रेस के भीतर कई नेताओं का मानना है कि यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है, तो कन्हैया कुमार को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है. हालांकि, इस पर अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.
पटना में सम्मेलन और कार्यकर्ताओं से मुलाकात
राहुल गांधी ने बेगूसराय के अलावा पटना में भी कार्यक्रमों में भाग लिया. उन्होंने ‘संविधान बचाओ सम्मेलन’ में शिरकत की और पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से संवाद किया. उनके इस दौरे को कांग्रेस के युवामुखी एजेंडे का हिस्सा माना जा रहा है.
कांग्रेस की रणनीति: युवा वोटर और बिहार में सशक्त उपस्थिति
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि राज्य में युवाओं से जुड़ी समस्याओं को केंद्र में रखकर पार्टी अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है. राहुल गांधी की भागीदारी से कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ा है.
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