Rambha College: जब मंच पर उतरे विचार, अनुभव और लोक नृत्य, रंभा कॉलेज में ज्ञान और संस्कृति का संगम

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पोटका: रंभा कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, पोटका में शनिवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस बार का विषय था – “मानवतावादी और समग्र शिक्षा के लिए आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता: बदलते संदर्भ में भावी शिक्षकों की भूमिका”. सेमिनार में तीन राज्यों के विद्वान, शिक्षाविद और गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया. प्रमुख वक्ता के रूप में भुवनेश्वर से डॉ. रमाकांत महालिक (नोडल ऑफिसर, एजुकेशनल टेक्नोलॉजी) उपस्थित रहे. विशेष अतिथि थीं डॉ. विभा पांडे (डिप्टी डायरेक्टर, रूसा एवं स्टेट नोडल ऑफिसर, झारखंड).

दीप प्रज्वलन, स्वागत गीत और पुस्तकों का लोकार्पण

विद्यार्थियों द्वारा अतिथियों का तिलक और स्वागत गीत के साथ अभिनंदन किया गया. दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. कॉलेज सचिव गौरव कुमार बचन ने मंच से अपनी स्वरचित पुस्तक “द ब्लूप्रिंट ऑफ कॉलेज मैनेजमेंट” का लोकार्पण कराया और उसे विचारों की यात्रा बताया. अध्यक्ष राम बचन ने प्रेरणादायक संदेश दिया.

‘पंचकोश ज्ञान’ और ‘अभिमन्यु पेडागोगी’ जैसे विचारों पर हुई चर्चा

डॉ. रमाकांत महालिक ने बीज वक्तव्य में पंचकोश ज्ञान को शिक्षा में आत्मसात करने पर बल दिया. पश्चिम बंगाल से आई डॉ. हरिप्रिया पांडा ने ‘अभिमन्यु पेडागोगी’ की व्याख्या की. कोल्हान विश्वविद्यालय के डॉ. मनोज कुमार ने आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता और मानवीय मूल्यों के संरक्षण पर बल दिया. विभागाध्यक्ष डॉ. सुचित्रा बेहरा ने आत्मचिंतन को प्राथमिक बताया.

 

गहराई से विचार और व्यवहार की जरूरत

डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी ने शिक्षक की भूमिका को “सत्यम, शिवम, सुंदरम” बताया. डॉ. विभा पांडे ने ‘सेल्फ रियलाइजेशन’ को आज की शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक करार दिया. दोपहर में छात्राओं ने झारखंडी लोक नृत्य प्रस्तुत किया. इसके बाद व्याख्याताओं और विद्यार्थियों द्वारा पेपर प्रजेंटेशन हुआ. कुल 28 पेपर प्रस्तुत हुए – 17 ऑफलाइन और 11 ऑनलाइन. सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए.

संगठन और संचालन की शानदार प्रस्तुति

सत्रों का संचालन डॉ. सुमन लता और असिस्टेंट प्रोफेसर ऐश्वर्या कर्मकार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रथम सत्र में अमृता सुरेन और द्वितीय सत्र में डॉ. गंगा भोला ने किया. तकनीकी व्यवस्था में सूरज कुमार और मुकेश मिश्रा ने भूमिका निभाई.

सांस्कृतिक टीम और आयोजकों की सक्रिय सहभागिता

सांस्कृतिक गतिविधियों का समन्वय रश्मि लुगून, अमृता सुरेन, मंजू गगराई, संदीप सिंह और अजय यादव ने किया. आयोजन को सफल बनाने में डॉ. सतीश चंद्र, डॉ. दिनेश यादव, शीतल कुमारी, डॉ. किशन जोशी, कमला महतो, दीपाली मंडल, रूपम वर्मा, कमलकांत, पिंकी पांडे, मुस्कान और राधे ने सक्रिय भूमिका निभाई. अध्यक्ष रंभा देवी, सहसचिव विवेक बचन तथा नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम और डिग्री विभाग के शिक्षकगण भी सेमिनार में उपस्थित रहे. सेमिनार की समन्वयक प्राचार्या डॉ. कल्याणी कबीर रहीं.

 

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