
सरायकेला: सरायकेला के उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला समाहरणालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ टीबी मरीजों के लिए पोषण किट उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा की गई. उद्देश्य था – औद्योगिक इकाइयों की सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करना ताकि जिले के टीबी मरीजों को नियमित पोषण सहायता मिल सके.
1813 मरीजों में से केवल 363 को मिल रही मदद
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. सी.बी. चौधरी ने जानकारी दी कि वर्तमान में जिले में 1813 टीबी मरीज उपचाररत हैं. इनमें से 1754 मरीजों ने स्वेच्छा से पोषण बैकेट लेने की इच्छा जताई है. फिलहाल 363 मरीजों के बीच पोषण बैकेट का वितरण किया जा चुका है. शेष 1391 मरीजों के लिए आगामी एक वर्ष तक पोषण सहायता की आवश्यकता है.
विभिन्न कंपनियों ने दी सहयोग की सहमति
उप विकास आयुक्त ने बैठक में उपस्थित औद्योगिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे सीएसआर मद से शेष मरीजों के लिए पोषण किट उपलब्ध कराएं. इसके तहत विभिन्न कंपनियों को अलग-अलग प्रखंडों में कार्यभार सौंपने की रणनीति बनाई गई.
इस पर आरएसबी, निलांचल, जमुना ऑटो लिमिटेड, आधुनिक पावर लिमिटेड, अमलगम स्टील प्रा. लि., श्री सीमेंट, रूंगटा माइंस, मेंटलसा, झारखंड ग्रैंड केयर समेत अन्य संस्थानों ने सहयोग देने की सहमति जताई.
स्वास्थ्य और सहयोग की नई पहल
यह पहल जहां एक ओर टीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक इकाइयों के सामाजिक दायित्व निर्वहन का उत्कृष्ट उदाहरण भी बन रही है. इस भागीदारी से न सिर्फ मरीजों को पोषण मिलेगा बल्कि समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और सह-उत्तरदायित्व का भाव भी विकसित होगा.
इसे भी पढ़ें : Chaibasa: चाईबासा में निकाली गई “जय बापू, जय भीम, जय संविधान” रैली, सैकड़ों कार्यकर्ता हुए शामिल