
जादूगोड़ा: प्रभु जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की रथयात्रा को 27 जून को हाड़तोपा में रोके जाने को लेकर रविवार को हितकु हनुमान मंदिर चौक पर 10 गांवों के ग्रामीणों की एक आपात बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता पूर्व पंचायत सचिव एवं कदमा रथ समिति के सदस्य सुशील सिंह भूमिज ने की.
बैठक में वक्ताओं ने रथ यात्रा रोके जाने की घटना को असामाजिक तत्वों की सोची-समझी साज़िश बताया और इसे हिंदू समाज पर सीधा हमला कहा. सुशील सिंह भूमिज ने कहा कि यह धार्मिक आस्था और परंपरा पर चोट है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा: “अगली बार रथयात्रा मुर्गा घुटू तक निकाली जाएगी. यह धार्मिक स्वतंत्रता का सवाल है और हम पीछे नहीं हटेंगे।”
बैठक में उपस्थित दीपू सिंह सरदार ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि संविधान हर धर्म को सार्वजनिक रूप से पूजा और जुलूस निकालने का समान अधिकार देता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रथयात्रा की अनुमति आपसी सहमति से प्राप्त की गई थी और इसके आयोजन में कोई नियमविरुद्ध कार्य नहीं हुआ था.
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त और सीनियर एसपी से मिलकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. साथ ही प्रशासन से धार्मिक आयोजनों में सहयोग सुनिश्चित करने की अपील की जाएगी.
इस बैठक में डोमजूड़ी, कदमा, हाड़तोपा, हितकु, खुखड़ा डीह, धीरोल, गोविंदपुर, वीर ग्राम सहित 10 गांवों के ग्रामीणों ने भाग लिया. सभी समुदायों के लोगों ने धार्मिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील करते हुए असामाजिक ताकतों के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया.
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