
मुरी: राजकीय मध्य विद्यालय, सिंगपुर में छात्रों से शिक्षा के बजाय श्रम कराया जा रहा है. हाल ही में स्कूल परिसर में चावल की बोरियां टेंपो से लाकर रखी गईं. इन बोरियों को छात्रों से उठवाकर अंदर भिजवाया गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जैसे ही स्कूल के एक शिक्षक को इस बात का आभास हुआ कि यह मामला उजागर हो सकता है, उन्होंने तत्काल छात्रों को वहां से हटाया और खुद बोरी उठाने लगे. यह दृश्य कैमरे में भी कैद हुआ.
यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी स्कूल परिसर में एक पेड़ की कटाई के दौरान छात्रों से श्रम लिया गया था. लगातार ऐसी घटनाओं से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकारी स्कूलों में बच्चों को मजदूर समझा जा रहा है?
बच्चों से श्रम करवाना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह कानूनन भी प्रतिबंधित है. मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाद्यान्न की आपूर्ति होती है, लेकिन उसे बच्चों से ढुलवाना बाल अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है.
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और जिला शिक्षा पदाधिकारी से मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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