काठमांडू: नेपाल की राजनीति में इन दिनों बड़ा उथल-पुथल मचा हुआ है। सोशल मीडिया बैन और जनआंदोलन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है और वे फिलहाल सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे। अब सवाल है कि नेपाल की कमान किसके हाथ में जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, नए प्रधानमंत्री के चयन को लेकर करीब चार घंटे तक एक वर्चुअल बैठक चली। इसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने बताया कि आंदोलनकारी सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत दिख रहे हैं।
पीएम पद की दौड़ में चार दावेदार
फिलहाल प्रधानमंत्री पद के लिए चार नाम सामने आए हैं—
सुशीला कार्की (पूर्व मुख्य न्यायाधीश)
कुलमन घीसिंग
सागर ढकाल
हरका संपांग
अगर सुशीला कार्की इस जिम्मेदारी को स्वीकार करती हैं, तो उन्हें पहले सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगदेल और फिर राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से अनुमति लेनी होगी। तभी वे औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद संभाल पाएंगी।
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को बीरटनगर में हुआ। उन्होंने राजनीति विज्ञान और कानून की पढ़ाई की। 1972 में उन्होंने बिराटनगर से बीए, 1975 में वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स और 1978 में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की।
उन्होंने 1979 में बिराटनगर से वकालत शुरू की और बाद में धरान के महेंद्र मल्टीपल कैंपस में पढ़ाया। 2007 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं और 2010 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुईं। जुलाई 2016 से जून 2017 तक वे नेपाल सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश भी रहीं।
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