जमशेदपुर: अदित्यपुर निवासी सरकारी चिकित्सक डॉ. मृत्युंजय सिंह और झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बीच चल रहा विवाद अब कोर्ट पहुंच गया है। डॉ. सिंह ने सीजेएम कोर्ट में पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ पवन कुमार और विजय वर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया। मामले पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई।
क्या हैं आरोप?
शिकायत में डॉ. सिंह ने तीनों पर पद के दुरुपयोग, झूठे आरोप गढ़ने, तथा जानबूझकर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि झूठी सूचना और गलत बयान तैयार कर न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया, बल्कि इस साजिश के कारण उन्हें पदमुक्त भी होना पड़ा।
डॉ. सिंह की ओर से मामला बीएनएस की विभिन्न धाराओं—356(1), 356(2), 352, 198, 201, 202, 351, 203, 316(5), 318, 45, 61, 199, 224, 232, 227 और 248—के तहत दर्ज कराया गया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद मामला आगे बढ़ा दिया है।
डॉ. सिंह पर लगे आरोप और निलंबन
डॉ. मृत्युंजय सिंह पर यह आरोप लगाया गया था कि वे बिना सूचना दिए अनुपस्थित रहते थे और बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करते थे। इसी आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें 1 जनवरी 2025 से निलंबित कर दिया था।
जांच में उलट गई तस्वीर
विभागीय जांच में मामला पूरी तरह पलट गया। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सितंबर 2023 से जुलाई 2024 तक डॉ. सिंह ने 262 दिन ड्यूटी की थी। अस्पताल प्रबंधन ने भी पुष्टि की कि वे नियमित रूप से कार्यरत थे और रोस्टर में उनका नाम स्पष्ट रूप से दर्ज रहता था।
इन तथ्यों के आधार पर विभाग ने माना कि आरोप निराधार थे। इसके बाद उनका निलंबन तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया और उन्हें फिर से ड्यूटी पर बहाल किया गया।