
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के ईचड़ाशौल गांव स्थित ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल शिशु अनन्तेश्वर धाम जो डुंगरीबाबा मंदिर नाम से प्रसिद्ध है. इसे अब पर्यटन के नक्शे पर लाने की दिशा में ठोस पहल शुरू हो गई है. शुक्रवार को बहरागोड़ा के विधायक समीर कुमार महंती ने इस पावन धाम का निरीक्षण किया और इसे एक आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं का गहन मूल्यांकन भी किया.
स्थापना में बिनायक बेरा का विशेष योगदान
इस पावन स्थल की नींव पद्मश्री सम्मानित बाबा बलिआ जी महाराज की प्रेरणा से रखी गई थी. वे इस क्षेत्र के आध्यात्मिक जागरण के एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं. बाबा बलिआ जी की देखरेख में इस धाम ने न केवल धार्मिक महत्व हासिल किया है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना का भी प्रतीक बना है. इस धाम की स्थापना के पीछे बिनायक बेरा (गणेश) का विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने एक जनआंदोलन के रूप में इस स्थल के पुनरुद्धार का कार्य प्रारंभ किया. वर्तमान में यह स्थल बाबा बलिआ सेवासदन एवं शिशु अनन्तेश्वर पूजा कमिटी के संयुक्त संचालन में सक्रिय है.
युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे
निरीक्षण के दौरान विधायक श्री महंती ने कहा की यह स्थान श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी अपार संभावनाएं रखता है. हम सरकार से विशेष अनुरोध करेंगे कि इसे एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. इससे न केवल सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण होगा बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
विकास की दिशा में संभावित योजनाएं
धाम परिसर का सौंदर्यीकरण,सड़क, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था और जलापूर्ति की सुविधा,धार्मिक मेले और सांस्कृतिक उत्सवों को बढ़ावा
मौके पर ये थे उपस्थित
झामुमो प्रखंड अध्यक्ष असित मिश्रा,रासबिहारी साव,मदन मन्ना,निर्मल दुबे,खितिश मुंडा,मुन्ना होता,श्याम मुर्मू,कार्तिक घोष,मिथुन कर,विशाल बारीक,लोकनाथ मोहंती , मंदिर कमिटि के अध्यक्ष बंकिम जाना,उपाध्यक्ष अरुण बारीक,सुमित माईती,शुभेंदु पैरा, बिनय पात्र,मिलन ओझा, सचिव सोमनाथ साव ,उप सचिव समीर जाना,अभय दास,अभिजीत ओझा, कोषाध्यक्ष पुजारी तपन आचार्य आदि उपस्थित थे.