Deoghar: तीर्थ पुरोहितों के साथ कैलाशानंद पहुंचे जंगल – तोड़ा बेलपत्र, बाबा बैद्यनाथ को करेंगे अर्पित

Spread the love

देवघर: चार दिवसीय झारखंड-बिहार प्रवास पर देवभूमि पहुंचे निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने देवघर की आध्यात्मिक परंपरा को आत्मसात कर एक विशेष धार्मिक यात्रा की. शुक्रवार को वे तीर्थ पुरोहितों के दल के साथ सिमुलतला के टेलवा पहाड़ स्थित घने जंगलों में पहुँचे और परंपरागत विधि से बिल्वपत्र तोड़ा. इन पवित्र पत्रों को वे शनिवार को बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करेंगे. यह अनूठी परंपरा देवघर के संत बम-बम बाबा ब्रह्मचारी द्वारा आरंभ की गई थी, जिसे वर्षों से तीर्थ पुरोहितगण निर्विघ्न रूप से निभाते आ रहे हैं. शिव को अत्यंत प्रिय माने जाने वाले बेलपत्र को जंगल से लाकर अर्पित करना यहां की भक्ति संस्कृति का एक अमिट हिस्सा है.

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बिल्वपत्र तोड़ने का क्षण
बिल्वपत्र तोड़ते समय स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा मंटू, उनके कुल पुरोहित परिवार के सुशील पलिवार, धीरज पलिवार, झलकु मिश्रा सहित अनेक तीर्थ पुरोहित उपस्थित रहे. वैदिक मंत्रों की गूंज और आध्यात्मिक ऊर्जा से वातावरण भक्तिमय हो गया. सुरक्षा दल और उनके शिष्यगण भी इस यात्रा में साथ थे.

“बेलपत्र अर्पण से तीन जन्मों के पापों से मुक्ति”
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बेलपत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भक्त पवित्र मन से शिव को बिल्वपत्र अर्पित करता है, उसे करोड़ों कन्यादानों का पुण्य प्राप्त होता है और वह अपने तीन जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है. उन्होंने धर्मशास्त्रों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि जैसे शबरी ने श्रीराम को प्रेमपूर्वक बेर अर्पित किए थे, वैसे ही स्थानीय तीर्थपुरोहित उन्हें चुन-चुनकर बिल्वपत्र अर्पित करने में सहायता कर रहे हैं. स्वामी जी ने कहा कि देवघर के पंडा सदियों से जंगलों से बेलपत्र लाकर शिव को अर्पित करते रहे हैं. यह न केवल धार्मिक कार्य है, बल्कि समाज में अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करने वाला संदेश भी है. जंगल यात्रा के बाद महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जमुई (बिहार) में एक नए आश्रम का उद्घाटन करने पहुँचे. बुधवार को वे विशेष विमान से देवघर आए थे. गुरुवार को उन्होंने बाबा बैद्यनाथ का विधिपूर्वक पूजन कर विश्व कल्याण की प्रार्थना की. शनिवार को बिल्वपत्र अर्पण के पश्चात वे विशेष विमान से उत्तराखंड लौट जाएंगे.

इसे भी पढ़ें : Potka: एक दिन, एक हजार मरीज, सौ ऑपरेशन — जानिए तारीख, स्थान और कैसे कराएं पंजीकरण


Spread the love

Related Posts

Har har mahadeo : भजन संध्या के लिए दुल्हन की तरह सजा कालीमाटी रोड, मनोज तिवारी करेंगे भजनों की वर्षा 

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर :  श्रावण मास की अंतिम सोमवारी के पावन अवसर पर 4 अगस्त (सोमवार) की शाम 6 बजे से साकची गुरुद्वारा मैदान में आयोजित होने वाली 25वीं भव्य…


Spread the love

Saraikela: श्रद्धालु कांवरियों का जत्था बाड़ेदा शिव मंदिर की ओर रवाना, श्रीराम सनातन समिति ने लगाया सेवा शिविर

Spread the love

Spread the loveसरायकेला :  पावन सावन माह के चौथे सोमवार की पूर्व संध्या पर कांवरियों का आस्था भरा जत्था पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला स्थित बाड़ेदा शिव मंदिर की ओर…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *