
देवघर: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से बैद्यनाथ मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्र में तंबाकू मुक्त जागरूकता अभियान चलाया गया. यह अभियान एम्स के डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) सौरभ वार्ष्णेय और तंबाकू नियंत्रण परियोजना के प्रधान अन्वेषक के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ. प्रो. सौरभ वार्ष्णेय ने इस अवसर पर कहा कि धार्मिक स्थल केवल श्रद्धा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक शुद्धि और नैतिक आचरण के प्रतीक भी होते हैं. ऐसे स्थलों पर तंबाकू जैसे व्यसनों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. उन्होंने सभी से अपील की कि वे बाबा मंदिर को पूर्ण रूप से तंबाकू मुक्त बनाने में सहयोग करें.
स्थानीय संगठनों ने दिखाया सामूहिक संकल्प
इस अभियान में पंडा धर्मरक्षिणी सभा, मंदिर प्रबंधन समिति, संथाल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित कई अन्य संगठनों ने सक्रिय सहभागिता निभाई. एम्स की परियोजना टीम और पंडा सभा के सदस्यों ने मिलकर तंबाकू त्यागने का संकल्प लिया और मंदिर परिसर को तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनाए रखने की शपथ ली. मंदिर परिसर के विभिन्न हिस्सों में “तंबाकू मुक्त क्षेत्र” के संदेश वाले पोस्टर लगाए गए. इन पोस्टरों के माध्यम से तीर्थयात्रियों में तंबाकू के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाई गई. यह पहल न केवल स्वच्छता की दिशा में एक कदम है, बल्कि श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की रक्षा भी करती है. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के उपाध्यक्ष संजय मिश्र ने एम्स से आई टीम का स्वागत किया. अभियान में शामिल प्रमुख सदस्य थे – डॉ. विनायगामूर्ति वेणुगोपाल, डॉ. अरशद अयूब, डॉ. बेनजीर आलम और डॉ. उज्ज्वल कुमार. वहीं मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त, सभा के महामंत्री निर्मल झा मंटू और अन्य सदस्यों ने भी अभियान को सफल बनाने में सहयोग किया.
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