
पोटका: हाता स्थित पूर्व विधायक मेनका सरदार के कार्यालय में ‘हमारा पहचान, हमारे अतीत, हमारे विरासत’ पुस्तक का भव्य विमोचन किया गया. इस अवसर पर पूर्व विधायक मेनका सरदार, पुष्कर सिंह मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, शरत सिंह सरदार, भारत सिंह भूमिज, जन्म जय सरदार और इंद्रजीत सरदार सहित भूमिज समाज के कई बुद्धिजीवी उपस्थित रहे.
भूमिज समाज की संस्कृति को बचाने की पहल
इस मौके पर पूर्व विधायक मेनका सरदार ने कहा कि हमारी पहचान हमारे अतीत और विरासत में निहित है. आज की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से दूर होती जा रही है, जिसे संरक्षित रखना आवश्यक है. उन्होंने इस पुस्तक के लेखकों तारा पद सिंह और रेणुका सिंह सिरका की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक भूमिज समाज के इतिहास को जानने और समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगी.
अंतिम संस्कार की परंपरा पर विशेष प्रकाश
पुस्तक के लेखक तारा पद सिंह और रेणुका सिंह सिरका ने बताया कि यह उनकी प्रथम पुस्तक है, जिसका उद्देश्य भूमिज समाज की प्राचीन अंतिम संस्कार परंपराओं को संरक्षित करना है. उन्होंने बताया कि समाज में मृत्यु के तीन दिन बाद अस्ति कलश स्थापना की परंपरा थी, जो अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. इस पुस्तक के माध्यम से उस पद्धति को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है.
दो वर्षों की मेहनत और शोध का परिणाम
लेखकों ने बताया कि इस पुस्तक को लिखने में दो वर्षों का समय लगा. इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर रीति-रिवाज, संस्कार और परंपराओं को चित्रों के माध्यम से संकलित किया. यह पुस्तक युवा वर्ग को अपनी संस्कृति से जोड़ने और अंतिम संस्कार की पद्धतियों को समझने में सहायक होगी.
समारोह में बौद्धिक समुदाय की भागीदारी
पुस्तक विमोचन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन विभीषण सिंह सरदार ने किया. इस अवसर पर रंजीत सरदार, साहब राम सिंह, जितेंद्र सरदार, मनोहर सिंह, मंगल सरदार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. समारोह में उपस्थित लोगों ने इस पुस्तक को झारखंड के पारंपरिक इतिहास और समाज की महत्वपूर्ण धरोहर बताया.यह पुस्तक भूमिज समाज की संस्कृति और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनेगी.
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