
जमशेदपुर: जमशेदपुर के साकची क्षेत्र के रहने वाले 19 वर्षीय रोहित कुमार ने यह साबित कर दिया है कि अगर जज़्बा हो तो परिस्थितियां हार नहीं मानवा सकतीं. सड़क किनारे मोबाइल कवर बेचने वाले रोहित ने NEET-UG परीक्षा में 720 में से 549 अंक प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.
दिनभर सड़क पर काम कर आजीविका चलाने वाले रोहित रात में 3 बजे तक पढ़ाई किया करते थे. संसाधनों की कमी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने न केवल अपनी पढ़ाई जारी रखी, बल्कि तीसरे प्रयास में NEET परीक्षा पास कर डॉक्टर बनने की राह पकड़ ली.
समाजिक संस्था समर्पण की टीम रोहित कुमार के घर पहुंची और उन्हें मेमेंटो व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया. साथ ही उनके माता-पिता को भी अंगवस्त्र देकर शुभकामनाएं दी गईं. संस्था ने रोहित की मेहनत और संघर्ष को जमशेदपुर के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया.
संस्था के अध्यक्ष बिभूति जेना और सचिव कुमुद शर्मा ने आश्वासन दिया कि रोहित को जब भी किसी प्रकार की सहायता की जरूरत होगी, संस्था हर संभव मदद करेगी.
कोविड-19 काल में रोहित ने एक मेडिकल स्टोर में सहायक के रूप में काम किया, जहां से उन्हें मेडिकल क्षेत्र के प्रति रुचि जगी. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वह डॉक्टर बनेंगे. आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और NEET जैसे कठिन परीक्षा को पास किया.
सम्मान समारोह में पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता, संस्था के पदाधिकारी चंदन, मनीषा शर्मा, रिंकी, पुनम, श्रवण, हरप्रीत, सोनू, चंदू समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के कारण अपने सपनों से समझौता कर लेते हैं. रोहित ने दिखा दिया कि सपनों को पूरा करने के लिए हालात नहीं, हौसले मायने रखते हैं.
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