
जमशेदपुर: 9 मार्च को डिमना डैम हेलीपेड मैदान में डिमना डैम और टाटा कंपनी से विस्थापित हुए लोगों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विस्थापितों ने अपनी समस्याओं और मांगों को उठाया और सरकार व टाटा कंपनी से समाधान की अपील की.
विस्थापितों की प्रमुख मांगें
बैठक के दौरान विस्थापितों ने निम्नलिखित प्रमुख प्रस्तावों को पारित किया:
- टाटा कंपनी और डिमना डैम से विस्थापित हुए लोगों को विस्थापित प्रमाण पत्र जारी किया जाए.
- 1932 के खतियान के आधार पर विस्थापितों को चिन्हित कर पुनर्वास और मुआवजा दिया जाए.
- 1996 के सर्वे सेटलमेंट को रद्द किया जाए.
- डिमना डैम विस्थापितों के साथ सरकार, टाटा कंपनी और विस्थापितों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता पुनः शुरू की जाए, जो पहले बंद हो गई थी.
- डिमना डैम और टाटा कंपनी की वह ज़मीन जो कंपनी के अधीन नहीं है, उसे अधिक भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत विस्थापितों को वापस किया जाए.
- टाटा कंपनी के बहाली कार्य में डिमना डैम और टाटा कंपनी से विस्थापित हुए लोगों को प्राथमिकता दी जाए. इसके साथ ही, टाटा कंपनी के ठेकेदारी में भी विस्थापितों को प्राथमिकता दी जाए.
विस्थापितों की एकजुटता और संघर्ष
बैठक में विस्थापितों ने अपनी एकजुटता और संघर्ष की भावना को प्रदर्शित किया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे सरकार और टाटा कंपनी से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.
उपस्थित लोग
बैठक में हरमोहन महतो, दीपक रंजीत, प्रहलाद गोप, उत्तम कुमार प्रधान, देवन सिंह, सोहन सिंह, गोपाल माझी, तपन पांडा, गौर हेमब्रम, निरंजन गौड़, मधुसूदन प्रधान, प्रोबध सिंह, सारथी दास, प्रदीप कुमार सोरेन सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे.
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