
जमशेदपुर: सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन और तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में रविवार को मासिक “कथा मंजरी” कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर नगर की सुप्रसिद्ध कवयित्री आरती श्रीवास्तव द्वारा रचित काव्य संग्रह “विपुला की मुकरियाँ” का लोकार्पण समारोह भी संपन्न हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका ने की. कार्यक्रम का संचालन साहित्य समिति के दिव्येन्दु त्रिपाठी ने किया. दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई. सरस्वती वंदना का आयोजन पूनम महानंद ने किया. तुलसी भवन के मानद महासचिव डॉ. प्रसेनजित तिवारी ने स्वागत वक्तव्य दिया.
विपुला की मुकरियाँ पर प्रतिक्रिया
लोकार्पित पुस्तक “विपुला की मुकरियाँ” पर पाठकीय प्रतिक्रिया देते हुए माधवी उपाध्याय ने रचनाकार को शुभेच्छाएं प्रेषित की. इसके बाद रचनाकार का परिचय वीणा पाण्डेय ‘भारती’ ने दिया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन साहित्य समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. यमुना तिवारी ‘व्यथित’ द्वारा किया गया.
कथा मंजरी का विशेष सत्र
कार्यक्रम के दूसरे सत्र “कथा मंजरी” में विभिन्न विषयों पर आधारित कुल 9 कहानियों का पाठ किया गया. प्रत्येक कहानी के बाद अरुण कुमार तिवारी ने समीक्षात्मक टिप्पणी की. प्रस्तुत की गई कहानियाँ निम्नलिखित रही:
1. सुस्मिता मिश्रा सलिलात्मजा – “सौन्दर्य बना गुनाह”
2. डॉ. उदय प्रताप हयात – “हाँ, यह जायज नहीं”
3. पूनम सिंह – “नेकी का फल”
4. मंजु कुमारी – “माधव भगत”
5. रीना सिन्हा ‘सलोनी’ – “धिक्कार”
6. नीता सागर चौधरी – “जीने की राह”
7. निशांत सिंह – “रोशनी की ओर”
8. सुदीप्ता जेठी राउत – “हम हिन्दुस्तानी हैं”
9. डॉ. अजय कुमार ओझा – “महिला सशक्तिकरण”
साहित्यकारों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में प्रमुख साहित्यकारों और सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति रही. मुख्य रूप से अरुण कुमार तिवारी, डॉ. अजय कुमार ओझा, माधवी उपाध्याय, नीता सागर चौधरी, दिव्येन्दु त्रिपाठी, डॉ. संध्या सिन्हा, वसंत जमशेदपुरी, नीलिमा पाण्डेय, डॉ. संजय पाठक ‘सनेही’, वीणा पाण्डेय ‘भारती’, माधुरी मिश्रा, स्मृति पाण्डेय चौबे, हरभजन सिंह रहबर, बलविन्दर सिंह, पूनम सिंह, सरिता सिंह, विद्या शंकर विद्यार्थी, रीना परितोष, अविनाशी, ऐश्वर्या सहित अन्य साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.
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