
जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इसमें अनाबद्ध निधि, जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) एवं नीति आयोग की निधि से संचालित विकास योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, जिला योजना पदाधिकारी मृत्यंजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, तथा पथ, भवन, पीएचईडी और विद्युत विभागों के कार्यपालक अभियंता सहित कई तकनीकी अधिकारी शामिल रहे।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी लंबित योजनाएं प्राथमिकता के साथ पूर्ण की जाएं और किसी भी स्तर पर पारदर्शिता से समझौता न हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि योजनाओं की भौतिक प्रगति के साथ-साथ वित्तीय व्यय की दक्षता और उपयोगिता की निरंतर निगरानी आवश्यक है।
डीएमएफटी के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने अधिकारियों को चेताया कि योजनाओं के प्रभाव को जमीनी स्तर पर महसूस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लक्ष्य खनन प्रभावित क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
नीति आयोग द्वारा अनुशंसित आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति का भी मूल्यांकन किया गया। उपायुक्त ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विकास के सभी प्रमुख मानकों पर सुधार लाना है। अतः सभी योजनाएं समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त होनी चाहिए।
बैठक के समापन पर उपायुक्त ने दोहराया कि सभी विभागीय पदाधिकारी योजनाओं को आम जनता के हित को केंद्र में रखकर क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता तभी मानी जाएगी जब उनका प्रत्यक्ष लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
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