Jamshedpur : धीमी योजनाओं पर भड़के विधायक सरयू राय, बोले—अब अधिकारियों पर बनाया जाएगा कड़ा दबाव

  • जनसुविधाओं में लापरवाही, प्रशासनिक स्वीकृति में देरी और नगर निगम की निष्क्रियता पर जमकर बरसे जमशेदपुर पश्चिम के विधायक

जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने क्षेत्र में योजनाओं के बेहद धीमे कार्यान्वयन और प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम के एक वर्ष पूर्ण होने पर बिष्टुपुर स्थित अपने आवास/कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब जनसुविधाओं को बहाल करने के लिए अधिकारियों पर “जबरदस्त दबाव” बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में कुछ काम अवश्य हुए हैं, लेकिन हर काम के लिए प्रशासन से सहयोग लेना मुश्किल भरा रहा। कदमा के कन्वेंशन सेंटर का मामला जनवरी से लंबित है। डीएम लाइब्रेरी का भवन पूरी तरह तैयार है, लेकिन लाइब्रेरी फिर भी शुरू नहीं हो सकी। राय ने कहा कि बालीगुमा की पानी की टंकी तक आज तक पानी नहीं पहुंचा, जबकि यह कार्य बहुत पहले पूरा हो जाना चाहिए था।

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जमशेदपुर पश्चिम में अधूरी योजनाओं का बढ़ता अंबार

सरयू राय ने कहा कि कई महत्वपूर्ण योजनाएं केवल प्रशासनिक स्वीकृति के अभाव में रुकी हुई हैं। उन्होंने देशबंधु लाइन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ महीनों पूर्व पूरा इलाका पानी में डूबा था, जिसके बाद उन्होंने राहत और विकास से जुड़ी कई योजनाएं प्रस्तावित कीं। बजट उपलब्ध था, योजनाएं उचित थीं, फिर भी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली। तीन बार सचिव से बात करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पानी, बिजली, सड़क और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को बहाल करना प्रशासन और नगर निगम की सीधी जिम्मेदारी है, कार्यकर्ताओं का नहीं। स्ट्रीट लाइट खराब होने पर महीनों तक कोई कार्रवाई न होना पूरी व्यवस्था की नाकामी को दर्शाता है। राय ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि नागरिक सुविधा मद का पैसा केवल नागरिक सुविधाओं पर ही खर्च होना चाहिए, किसी अन्य जगह नहीं।

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प्रशासनिक स्वीकृति में देरीक्षेत्र के विकास की सबसे बड़ी बाधा

सामुदायिक भवनों के संचालन पर भी सरयू राय ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई सामुदायिक भवन मांगलिक कार्यक्रमों के लिए बने हैं, लेकिन इन्हें कई लोगों ने व्यवसाय का माध्यम बना लिया है, जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कई शिलान्यास करते हैं, पर ठेकेदार एक सप्ताह काम करके गायब हो जाते हैं। दूसरी ओर, जेएनएसी लगातार वैध-अवैध निर्माणों में नोटिस जारी करने में लगा है, लेकिन मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। राय ने कहा कि नगर निगम और जेएनएसी अपने मूल काम—सड़क, पानी, सफाई और रोशनी—पर ध्यान दें। उन्होंने आश्चर्य जताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों का कोई स्थायी दफ्तर नहीं है, कई किराए के मकानों से संचालित हो रहे हैं, और अल्पवेतनभोगियों को समय पर वेतन भी नहीं मिलता।

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सामुदायिक भवनों और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर प्रश्न

विधायक ने पुलिस व्यवस्था पर भी गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि शिकायतें बताती हैं कि अब थानेदार स्वयं वसूली करने लगे हैं, पहले किसी एजेंट के माध्यम से होती थी। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में वह अपनी पूरी टीम के साथ इस मुद्दे को अलग से देखेंगे। राय ने यह भी कहा कि मानगो और जमशेदपुर के लिए मिलने वाली धनराशि पर्याप्त है या नहीं, इसका मूल्यांकन प्रशासन करे। यदि कम होगी तो वे सरकार से और राशि की मांग करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले एक साल में शासन, प्रशासन, जेएनएसी और मानगो नगर निगम उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं और इस वर्ष वह सार्वजनिक दबाव बनाकर कार्य कराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

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जमशेदपुर पश्चिम में पुलिस व्यवस्था पर विधायक की गंभीर टिप्पणी

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरयू राय ने बताया कि बीते एक वर्ष में 40 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन कराया गया। इसमें विधायक निधि से 7,16,65,116 रुपये, नगर विकास विभाग से 19,16,41,543 रुपये, पथ निर्माण विभाग से 10,69,19,200 रुपये, ग्रामीण विकास विभाग से 1,01,00,000 रुपये और ज्रेडा से 2,07,52,000 रुपये की योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी योजनाएं जनता को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हैं, लेकिन प्रशासनिक देरी और कार्यान्वयन की सुस्ती के कारण कई परियोजनाएं अधूरी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में इन सभी योजनाओं को समय पर पूरा कराना प्राथमिकता होगी।

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