
जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में 2017 से लेकर 2024 तक के विभिन्न सत्रों के स्नातक छात्रों के लिए अनिवार्य GE-1 और GE-2 विषयों की परीक्षाएं लंबे समय तक आयोजित नहीं की गईं। अब विश्वविद्यालय ने अचानक इन परीक्षाओं को लेकर “इच्छुक विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं” जैसे अस्पष्ट शब्दों वाला एक नोटिस जारी कर दिया है, जिसने छात्रों में और अधिक भ्रम पैदा कर दिया है। विश्वविद्यालय की इस गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है, और उनकी डिग्री पर भी प्रश्नचिन्ह लगने की आशंका बन रही है।
युवा जनता दल यूनाइटेड (युवा जदयू) के प्रदेश नेता हेमंत पाठक के नेतृत्व में आज छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे को लेकर प्राचार्य का घेराव किया। उन्होंने बिंदुवार समस्याएं और मांगें प्रस्तुत कीं।
छात्रों की मुख्य आपत्तियां और मांगें थीं:
पहले ही परीक्षा शुल्क देने के बावजूद अब 480 रुपये की दोबारा वसूली अन्यायपूर्ण है। छात्रों से यह शुल्क न लिया जाए।
केवल चार विषयों की अलग मार्कशीट देना, बिना मूल मार्कशीट में अंक जोड़ना, छात्रों के भविष्य के लिए नुकसानदेह है। विश्वविद्यालय को मूल अंकपत्र में सुधार करना चाहिए।
क्या 2017 से अब तक के सभी प्रभावित छात्रों को यह सूचना मिली है? इस पर भी विश्वविद्यालय स्पष्टता लाए।
छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाए और फेल होने की स्थिति में दोबारा मौका मिले, यह पहले से स्पष्ट हो।
जिन छात्रों ने CLC या माइग्रेशन ले लिया है, उनकी परीक्षा की वैधता को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की जाए।
नेता हेमंत पाठक ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय ने जल्द कोई स्पष्ट और छात्रहित में निर्णय नहीं लिया तो मजबूरन उग्र आंदोलन किया जाएगा। छात्रों के भविष्य से इस तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे, जिनमें साहेब बागती, जगदीप सिंह, अंजलि कुमारी, पूजा कुमारी, अमन कुमार, शंकर कुमार, बलदेव कुमार, सपना कुमारी समेत कई नाम शामिल रहे।
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