
चाईबासा: जिला उपायुक्त के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने चाईबासा सदर क्षेत्र में कई प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दायरे में मोदी ऑयल, गोल्डन मसाला, खंडेलवाल फ्रेश और विभिन्न फल दुकानें शामिल रहीं. जांच के क्रम में हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, मिक्स मसाला, चायपत्ती और वनस्पति तेल के नमूने एकत्र किए गए. ये नमूने राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजे जाएंगे. जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फल दुकानों की जांच के दौरान अधिकांश दुकानों के पास फूड लाइसेंस नहीं पाया गया. इन्हें 14 दिनों के भीतर लाइसेंस प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है. फल विक्रेताओं द्वारा प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग नहीं पाया गया. हालांकि, एथलीन पाउच के माध्यम से फल पकाने की विधि अपनाई गई, जो नियमों के अनुरूप है.
कारोबारियों को फूड लाइसेंस और स्वच्छता निर्देश
सभी खाद्य कारोबारियों को निर्देश दिया गया कि वे फूड लाइसेंस अनिवार्य रूप से प्राप्त करें और उसे अपने प्रतिष्ठान में प्रदर्शित करें. होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट संचालकों को साफ-सफाई बनाए रखने, एप्रोन और ग्लव्स पहनकर भोजन तैयार करने के दिशा-निर्देश दिए गए. खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि आटा, मैदा, तेल, पनीर, खोआ, मसाले आदि जैसी कच्ची सामग्री का उपयोग केवल एक्सपायरी तिथि और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बाद ही किया जाए. गाय छाप या चंपई रंग के प्रयोग से बचने और अत्यधिक फूड कलर का उपयोग न करने की भी सलाह दी गई. खाद्य सामग्री को ढक कर रखने की अनिवार्यता दोहराई गई.
सात दिनों की समयसीमा, फिर लगेगा अर्थदंड
बिना फूड लाइसेंस कारोबार कर रहे विक्रेताओं को सात दिनों के भीतर स्वयं या प्रज्ञा केंद्र जाकर www.foscos.fssai.gov.in के माध्यम से आवेदन करने का निर्देश दिया गया. अगली जांच में यदि प्रतिष्ठान में फूड लाइसेंस प्रदर्शित नहीं पाया गया, तो अर्थदंड लगाया जाएगा. कई कारोबारी फूड लाइसेंस को अपने घर में रखे हुए हैं. उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि फूड लाइसेंस को ठेला, खोमचा अथवा दुकान में प्रमुखता से प्रदर्शित करें.
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