
रांची: झारखंड सरकार ने 2025-26 के लिए 1,45,400 करोड़ रुपए का बजट विधानसभा में पेश किया है. वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सोमवार को सदन में इस बजट की घोषणा की. अब सवाल यह उठता है कि यह विशाल राशि आएगी कहां से और किस मद में खर्च होगी. आइए, जानते हैं सरकार की आय के स्रोत और किस क्षेत्र पर सबसे ज्यादा खर्च होगा.
आय के प्रमुख स्रोत
झारखंड सरकार की आय का बड़ा हिस्सा केंद्रीय टैक्स में हिस्सेदारी से आता है. इस मद से सरकार को कुल आय का 32.35 प्रतिशत हिस्सा मिलता है. इसके अलावा, राज्य टैक्स से सरकार को 24.21 प्रतिशत और गैर-कर आय से 17.78 प्रतिशत प्राप्त होती है. सहायता अनुदान से सरकार को 11.73 प्रतिशत राशि मिलती है, जबकि योजनाओं के सफल संचालन के लिए 13.76 प्रतिशत राशि सरकार कर्ज लेकर जुटाती है. कर्ज और अग्रिम की वसूली से 0.17 प्रतिशत राशि मिलती है.
सरकार के खर्च का प्रमुख हिस्सा
झारखंड सरकार का सबसे बड़ा खर्च समाज कल्याण पर होता है, जो बजट का 17.47 प्रतिशत हिस्सा है. शिक्षा के लिए इस बार बजट में 12.11 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है. सरकार आगामी वित्त वर्ष में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग पर 11.39 प्रतिशत राशि खर्च करेगी. सड़क और परिवहन के मद में सरकार का खर्च 4.27 प्रतिशत होगा, जबकि पेंशन मद में कुल बजट का 7 प्रतिशत खर्च होगा.
महत्वपूर्ण मदों में खर्च की वृद्धि
इस बार सरकार स्वास्थ्य एवं पेयजल के लिए 8.38 प्रतिशत राशि का प्रावधान कर रही है, जो कि पिछले साल के मुकाबले थोड़ी कम है. कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए इस बजट में 4.71 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, सरकार ने पेंशन मद में 7 प्रतिशत राशि आवंटित की है, जो कि इस बार एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी है.
कर्ज चुकाने पर होने वाला खर्च
सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए 6.45 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया है, जबकि ब्याज भुगतान के लिए 4.37 प्रतिशत राशि रखी गई है.
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