
चंडीगढ़: हाल ही में हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने कांग्रेस नेता और पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट को चार करोड़ रुपये का इनाम प्रदान किया. यह राशि उन्हें ओलिंपिक मेडलिस्ट श्रेणी में दी गई. हालांकि, विनेश ने इस प्रस्ताव को स्वीकारते हुए भी अपनी असंतुष्टि ज़ाहिर की.
एक नहीं, दो सुविधाएं चाहती थीं विनेश
राज्य सरकार ने विनेश को तीन विकल्पों में से किसी एक को चुनने के लिए कहा — चार करोड़ रुपये, एक सरकारी ज़मीन या फिर सरकारी नौकरी. लेकिन विनेश फोगाट चाहती थीं कि उन्हें इनमें से दो विकल्पों का लाभ मिले. यही मुद्दा अब विवाद का कारण बन गया है.
“खेल में न लाएं राजनीति” — मंत्री रणबीर गंगवा की टिप्पणी
लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विनेश को खेलों में राजनीति से दूर रहना चाहिए. मंत्री बोले, “विनेश ओलिंपिक में डिस्क्वालिफाई हो चुकी थीं, इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने उन्हें पूरा सम्मान दिया. कांग्रेस विधायक होने के कारण नियमानुसार उन्हें यह लाभ नहीं मिलना था, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने वचन निभाया.”
हरियाणा बना देश का खेल मानचित्र
गंगवा ने यह भी कहा कि हरियाणा की खेल नीति के चलते आज राज्य के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर परचम लहरा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि “ओलिंपिक में देश के आधे से ज़्यादा पदक हरियाणा के खाते में आते हैं. राज्य सरकार खिलाड़ियों को हर जरूरी सुविधा प्रदान कर रही है.”
कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान पर हमला
अपने बयान में मंत्री ने कांग्रेस पर भी प्रहार किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब पार्टी नहीं, बल्कि गुटों का समूह बन चुकी है. विचारों की समानता के अभाव में पार्टी बिखर चुकी है. आज विपक्ष में कोई ऐसा चेहरा नहीं बचा जो सरकार के कार्यों पर प्रभावी सवाल उठा सके.”
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