
अयोध्या: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आज राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. इससे पहले उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी पूजा की. यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सम्पन्न हुआ, जो हिंदू पंचांग में अत्यंत शुभ माना जाता है .
राम दरबार के साथ सात अन्य देवताओं की प्रतिष्ठा
मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की गई, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई . इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर में छह अन्य देवताओं—भगवान शिव, भगवान गणेश, सूर्य देव, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और हनुमान जी—की मूर्तियों की भी प्रतिष्ठा की गई . जिसके दौरान सूरत के एक कारोबारी ने हीरे जड़े सोने-चांदी के आभूषण दान किए। इन आभूषणों को चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित होकर पूजा-अर्चना में भाग लिया और इसे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतीक बताया . उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया.
तीन दिवसीय अनुष्ठान का समापन
यह प्राण-प्रतिष्ठा समारोह तीन दिनों तक चला, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार, हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान शामिल थे . इस आयोजन ने अयोध्या को एक बार फिर से आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया.
आयोजन के दौरान अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी.
राम मंदिर: एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र
राम मंदिर का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर करता है. यह आयोजन अयोध्या को एक बार फिर से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करता है. इस ऐतिहासिक अवसर ने अयोध्या को एक बार फिर से आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है, और यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अगले चरण में 6 से 11 जून तक विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और प्रवचन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान देशभर से संत-महात्मा और श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे।
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