- कांग्रेस सांसद ने कहा– रोजगार, शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और महंगाई से जनता करेगी बदलाव का फैसला
- अवधेश प्रसाद ने कहा– ‘लोकतंत्र की रक्षा के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी’
पटना : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने महागठबंधन की जीत पर पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता समझदार है और राज्य के असली मुद्दों को भली-भांति समझती है। सोमवार को मीडिया से बातचीत में रंजीत रंजन ने कहा कि पिछली बार महागठबंधन बहुत कम वोटों के अंतर से सरकार नहीं बना पाया था, लेकिन इस बार जनता के बीच स्पष्ट असंतोष है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, पेपर लीक, शिक्षा व्यवस्था, मनरेगा से जुड़ी गड़बड़ियां और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे इस बार के चुनाव के केंद्र में हैं। रंजीत रंजन ने कहा, “हमने पहले ही घोषणा की थी कि अगर हम सत्ता में आए तो महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की सहायता राशि देंगे, उसी के बाद भाजपा ने 10,000 रुपये देने की घोषणा की। यह दिखाता है कि जनता की नब्ज़ हमसे बेहतर कोई नहीं समझता।”
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रंजीत रंजन बोलीं– बिहार की जनता जानती है किसने किया वादों को पूरा, बदलाव तय है
इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा बिहार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले, शिवसेना नेता संजय निरुपम ने महाराष्ट्र में मतदाता सूची को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार में SIR अभियान के तहत 40 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिससे मतदाता सूची “स्वच्छ और पारदर्शी” बनी। निरुपम ने कहा, “बिहार में SIR की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और फर्जी वोटों का मुद्दा अब खत्म है। जो लोग वोट चोरी का आरोप लगाते थे, वही इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे थे।” उन्होंने महाराष्ट्र में भी इसी तरह की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता और घुसपैठिए हैं, जिन्हें हटाना जरूरी है।
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शिवसेना नेता संजय निरुपम की मांग– महाराष्ट्र में भी चले SIR, हटें फर्जी मतदाता
वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग बिहार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत हर नागरिक को स्वतंत्र मतदान का अधिकार है और आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी तरह की धांधली न हो। अवधेश प्रसाद ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आयोग संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेगा, और बिहार के मतदाता इस बार सत्ता परिवर्तन की दिशा में निर्णायक कदम उठाएंगे।” राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्षी दलों के इन बयानों से साफ है कि बिहार में इस बार चुनावी जंग तेज और मुद्दा-आधारित होने जा रही है।