
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के खांडामौदा गांव में उड़िया समाज के लोगों ने होलिका दहन कार्यक्रम धूमधाम से मनाया. यह कार्यक्रम फाल्गुन माह की पूर्णिमा को आयोजित किया गया, जो होली के उत्सव का हिस्सा था.
होलिका दहन की परंपरा
समाज के लोगों ने बताया कि हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है, और इसे फागु दशमी भी कहते हैं. इस दौरान राधा-कृष्ण की डोली निकाली जाती है. खांडामौदा गांव में गुरुवार को राधा-कृष्ण की मूर्ति के साथ कीर्तन मंडली की अगुवाई में डोली निकाली गई. डोली के साथ छोटे बच्चों की झांकी आकर्षण का केंद्र रही. यह आयोजन पूरे गांव में उल्लास और जोश के साथ संपन्न हुआ.
होलिका दहन की विशेष मान्यता
होलिका दहन के दिन राधा-कृष्ण के रंग यात्रा पर निकलने की मान्यता है. इस दिन घर की महिलाएं चावल के आटे को पानी में घोलकर रंगोली बनाती हैं और घर को फूलों से सजाती हैं. होली के एक दिन पहले घर के बच्चे फूस और लकड़ी से पुतला बनाते हैं, जिसे चांचुरी या नारा पोरानो कहा जाता है. इसे बुराई का प्रतीक मानकर जलाया जाता है, ताकि बुराई घर से दूर रहे और परिवार की सेहत अच्छी रहे.
सामाजिक योगदान और भूमिका
खांडामौदा गांव में होलिका दहन कार्यक्रम को सफल बनाने में सिंघभूम ओड़िआ शिक्षा समिति के सचिव मनोरंजन गिरी, कोषाध्यक्ष रतिकांत सीट, गोदाधर नायक, निर्मल मंडल, मानस बेरा सहित अन्य लोगों ने अहम भूमिका निभाई.
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