
बहरागोड़ा: प्रखंड के कुमारडूबी गांव स्थित शिव मंदिर परिसर में पारंपरिक गाजन पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया. संध्या समय भोक्ताओं ने चाँदड़ा तालाब में पवित्र स्नान कर पुजारी से विधिवत पूजा-अर्चना कराई.
इसके उपरांत भक्तगण नगर परिक्रमा करते हुए मंदिर पहुँचे. आस्था की चरम सीमा दर्शाते हुए अनेक भोक्ताओं ने अपनी जीभ में लोहे की कील और त्रिशूल धंसा कर, छड़ों को गला व शरीर में आर-पार कर मंदिर की तीन बार परिक्रमा की. कुछ भोक्ताओं ने धधकते अंगारों पर नंगे पाँव चलकर शिवभक्ति का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया.
सदियों पुरानी परंपरा और गहन भक्ति का स्वरूप
कमेटी सदस्यों ने बताया कि यह पर्व कुमारडूबी शिव मंदिर में सैकड़ों वर्षों से मनाया जा रहा है. पुजारी मधुसूदन महापात्र के अनुसार, हर वर्ष श्रद्धालु इस पर्व पर तपस्वी रूप में आकर आत्मनियंत्रण, तपस्या और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं.
गोरिया भार की शोभायात्रा और व्रत समापन
रात्रि में विशेष आयोजन के अंतर्गत सैकड़ों भोक्ताओं के साथ ‘पाट भोक्ता’ द्वारा गाजे-बाजे के साथ ‘गोरिया भार’ की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. यह शोभायात्रा मंदिर तक पहुँची और इसके जल को व्रतियों के बीच वितरित किया गया.
गोरिया भार का जल ग्रहण करने के पश्चात व्रतियों ने अपना उपवास समाप्त किया. यह क्षण अत्यंत भावनात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा.
छऊ नृत्य और मेला से ग्रामीण संस्कृति का उत्सव
पर्व के अवसर पर दोनों मंदिरों में मेले का आयोजन किया गया. ग्रामीणों की भारी भीड़ ने मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया. रात्रि में पारंपरिक छऊ नृत्य का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों ने भक्ति, वीरता और लोककथाओं का मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
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