
जमशेदपुर: सोनारी में सीएनटी जमीन के अवैध रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन के मामले में रांची स्थित राजभवन ने त्वरित संज्ञान लिया है. राज्यपाल के आदेश पर जांच टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच टीम ने निर्माणाधीन भवन का मुआयना करने के लिए जमशेदपुर स्थित सोनारी का दौरा किया. जेएनएसी के रजनीश कुमार दलबल के साथ उक्त भूखंड पर पहुंचे. वहीं, शिकायतकर्ता शैलेंद्र महतो भी मौके पर पहुंचे और जांच टीम से वस्तुस्थिति पर चर्चा की.
निर्माण कार्य पर अचरज
जांच टीम के पहुंचने पर यह बात सामने आई कि पहले शिकायत मिलने के बाद उक्त भूमि के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन जब टीम मौके पर पहुंची तो निर्माण कार्य जारी था. इस पर सभी ने आश्चर्य व्यक्त किया. शैलेंद्र महतो ने बताया कि उनकी टीम सभी घटनाओं पर नजर बनाए हुए है और जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद आगे की रणनीति पर काम करेंगे.
क्या है मामला?
शैलेंद्र महतो के अनुसार, सोनारी स्थित आशियाना गार्डन परिसर में लगभग 15 डिसिमल भूमि (प्लॉट नं. 566, खाता नंबर 3, हल्का संख्या 6, थाना संख्या 1156) पर यह विवाद उत्पन्न हुआ है. यह भूमि प्रह्लाद महतो के नाम पर खतियानधारी थी. आरोप है कि किशोर गोलछा नामक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर निधि खेतान, अभिनव खेतान, सालू खेतान, मंजू खेतान को गलत तरीके से यह भूमि बेच दी. संतोष खेतान की भूमिका इस मामले में प्रमुख बताई जा रही है.
पहले भी की गई थी अवैध बिक्री
शैलेंद्र महतो ने आरोप लगाया कि संतोष खेतान ने गम्हरिया में भी अवैध तरीके से जमीन बेची थी, और इस मामले में अदालत में मुकदमा दर्ज है. ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि उक्त जमीन को न केवल फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराया गया, बल्कि मिलीभगत से म्यूटेशन भी कराया गया. इस जमीन पर पिछले एक साल से निर्माण कार्य चल रहा था, जिसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कई अधिकारी भी आरोपी
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस अवैध प्रक्रिया में अनुमंडल पदाधिकारी, सीओ, रजिस्ट्रार, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के उपनगर आयुक्त समेत कई अन्य अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है. यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करता है.
आगे की कार्रवाई की रणनीति
अब, जांच टीम इस मामले की गहनता से जांच कर रही है, और इसके बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शिकायतकर्ता शैलेंद्र महतो ने कहा कि जांच रिपोर्ट राजभवन को सौंपे जाने के बाद ही वे आगे की रणनीति पर काम करेंगे और इस मामले को कानून के दायरे में लेकर सख्त कदम उठाएंगे.
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