
जमशेदपुर: किताडीह ग्राम सभा द्वारा 30 जून को हूल दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर ग्राम सभा के सदस्यों ने सिद्धू-कान्हू की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनके बलिदान को नमन किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया.
सभा में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि सिद्धू-कान्हू का संघर्ष केवल एक ऐतिहासिक विद्रोह नहीं, बल्कि आज भी जनजातीय समाज के अस्तित्व, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है.
कार्यक्रम के दौरान झारखंड आंदोलनकारी सुनील कुमार तांती और ग्राम मुखिया मनोज कुमार मुर्मू ने सिद्धू-कान्हू की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन केवल संसाधन नहीं, बल्कि हमारी पहचान, आजीविका और संस्कृति से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने ग्रामवासियों को जल-जंगल-जमीन बचाने के लिए संगठित होकर संघर्ष करने और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक रहने का संकल्प दिलाया.
इस आयोजन को सफल बनाने में ग्राम सभा के सदस्यों संजय बरला, नाथू मुंडा, जोगेंद्र राव, पोकला बाबू, समीर पूर्ति, मनोज गोप, सुंदर मोहन सोरेन, शिशिर कुजूर, जिरेन देवगम और ईडन टोपनो सहित अन्य ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई. सभी ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि सिद्धू-कान्हू के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और ग्राम सभा जनहित में लगातार सक्रिय रहेगी.
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