
चाईबासा: भारतीय जनता पार्टी के चाईबासा कार्यालय में आज पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य उनके जीवन, संघर्ष, नारीशक्ति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को समझना और युवा पीढ़ी को उससे प्रेरित करना था.
युग प्रवर्तक महिला थीं अहिल्याबाई – आदित्य साहू
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर केवल एक शासक नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और लोककल्याण की मिसाल थीं. उन्होंने 18वीं शताब्दी में जिस प्रशासनिक दक्षता और सेवा भावना का परिचय दिया, वह आज भी आदर्श है. उन्होंने कहा –
“जब हम महिला सशक्तिकरण और लोकसेवा की बात करते हैं, तब अहिल्याबाई का जीवन हमें मार्गदर्शन देता है. वे राजधर्म और जनधर्म का जीवंत समन्वय थीं.”
नारी शक्ति का अद्भुत उदाहरण – बड़कुंवर गागराई
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने कहा कि अहिल्याबाई ने नारी नेतृत्व का ऐसा उदाहरण पेश किया, जो आज भी हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणास्रोत है. उन्होंने सिद्ध किया कि एक महिला भी संवेदनशील समाज सुधारक और कुशल प्रशासक बन सकती है.
नैतिकता और सेवा की प्रेरणा – जे.बी. तुबिद
प्रदेश प्रवक्ता जे.बी. तुबिद ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज जब समाज को आत्मबल, सेवा भावना और नैतिकता की आवश्यकता है, तब अहिल्याबाई होल्कर का जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श शिक्षण बन सकता है.
सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत
संगोष्ठी में वक्ताओं ने लोकमाता अहिल्याबाई द्वारा देशभर में बनवाए गए मंदिरों, धर्मशालाओं, कुओं, घाटों और सार्वजनिक संरचनाओं का उल्लेख करते हुए उन्हें “भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत” कहा. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यों से राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना को एक नई दिशा दी.
कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद गीता कोड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष संजू पांडेय, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष मालती गिलुवा, पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश पुरी, जिला महामंत्री प्रताप कटियार, संयोजक रूपा सिंह, हेमंत केशरी सहित भाजपा के जिला व मंडल स्तर के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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