
जमशेदपुर: झारखंड विधानसभा में मंगलवार 25 मार्च को जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने सरकार को घेरते हुए परीक्षा कैलेंडर जारी न करने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री ने परीक्षा कैलेंडर जारी करने का वादा किया था, लेकिन पांच महीने बीत जाने के बावजूद यह वादा अधूरा है. परीक्षार्थी असमंजस में हैं और सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. पूर्णिमा साहू ने सदन में सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा और पूछा कि आखिर यह परीक्षा कैलेंडर कब जारी किया जाएगा.
सीजीएल पेपर लीक: सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
विधायक ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल) और पुनर्परीक्षा में बार-बार हो रहे प्रश्न पत्र लीक के मामलों पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इन गंभीर अनियमितताओं को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही है, जिससे लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है.
सीबीआई जांच की मांग: युवाओं का भविष्य संकट में
पूर्णिमा साहू ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से सीजीएल पेपर लीक के मामलों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की. उनका कहना था कि इससे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा.
सरकार का ढुलमुल रवैया: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़
विधायक ने सरकार की नकारात्मक कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार का यह ढुलमुल रवैया युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. न तो परीक्षा कैलेंडर को लेकर कोई समय-सीमा तय की गई है और न ही पेपर लीक की घटनाओं पर कोई ठोस रोक लगाई जा सकी है. बार-बार पेपर लीक होने से न केवल परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि सरकार की कार्यक्षमता और नीयत भी संदेह के घेरे में आ गई है.
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