
कोलकाता: पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार कर लिया है. 22 वर्षीय शर्मिष्ठा को कोलकाता के गार्डनरीच थाना क्षेत्र की पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया.
शर्मिष्ठा पर आरोप है कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में सोशल मीडिया पर ऐसा वीडियो साझा किया, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. हालाँकि उन्होंने वीडियो डिलीट कर माफी भी माँगी थी.
राजनीतिक हलकों में भी गरमाई बहस
गिरफ्तारी के बाद मामला केवल क़ानूनी दायरे तक नहीं रहा. अब यह राजनीतिक रंग भी ले चुका है. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया.
अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पवन कल्याण ने लिखा,
“शर्मिष्ठा पनोली, जो एक लॉ की छात्रा हैं, ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी राय रखी. कुछ लोगों को उनके शब्द आपत्तिजनक लगे. उन्होंने गलती मानी, वीडियो डिलीट किया और सार्वजनिक रूप से माफी भी माँगी. इसके बावजूद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की.”
“क्या धर्मनिरपेक्षता अब दोहरे मापदंडों से चली जाएगी?”
पवन कल्याण ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा,
“धर्मनिरपेक्षता कुछ के लिए ढाल और कुछ के लिए तलवार नहीं होनी चाहिए. पुलिस को निष्पक्ष कार्यवाही करनी चाहिए. देश सब देख रहा है. मैं शर्मिष्ठा के साथ खड़ा हूँ.”
इस घटना ने फिर एक बार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम धार्मिक भावना के बीच संतुलन को लेकर देशभर में बहस छेड़ दी है. कुछ लोग इसे कानून का पालन मानते हैं तो कुछ इसे राजनीतिक दमन बता रहे हैं.
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