
देवघर: जसीडीह आरपीएफ ने मानव तस्करी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही पांच नाबालिग बच्चों को बाल मजदूरी के लिए तमिलनाडु ले जाने से बचाया गया। गिरफ्तार आरोपियों में नंदकिशोर यादव (भेमिया, कटोरिया, बांका) और विनोद यादव (हरखाना, कटोरिया, बांका) शामिल हैं। आरपीएफ ने यह कार्रवाई ऑपरेशन एएएचटी (मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई) के तहत की। जांच में पता चला कि दोनों तस्कर बच्चों को बहला-फुसलाकर घर से लेकर तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में मजदूरी के लिए ले जाने की तैयारी में थे। आरोपी पटना-एनार्कुलम सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने के लिए जसीडीह स्टेशन पर मौजूद थे, जहां आरपीएफ ने उन्हें दबोच लिया।
कानूनी अनुमति के बिना हो रही थी तस्करी
पूछताछ में यह भी सामने आया कि तस्करों के पास बच्चों के माता-पिता या स्थानीय प्रशासन से कोई कानूनी अनुमति नहीं थी। न तो स्थानीय मुखिया, न ही वार्ड सदस्य या ब्लॉक अधिकारी की तरफ से कोई प्रमाण पत्र उपलब्ध था। मामले में बीएनएस की धाराओं के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बचाए गए सभी बच्चों के अभिभावकों को भी घटना की सूचना दी है।
इस कार्रवाई से मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई को बल मिला है और यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
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