
नई दिल्ली: म्यांमार की राजधानी यंगून से एक विचलित करने वाली घटना सामने आई है. यहां महज 6 साल की एक मासूम बच्ची को आतंकवादी संगठन से जुड़ा बताकर गिरफ्तार कर लिया गया है. बच्ची के साथ-साथ कुल 16 लोगों को हिरासत में लिया गया है. बताया गया है कि बच्ची उस आरोपी की बेटी है, जिस पर 22 मई को रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल चो तुन आंग की हत्या का आरोप है. सेना और पुलिस का कहना है कि बच्ची का संबंध “गोल्डन वैली वॉरियर्स” नामक विद्रोही संगठन से जुड़ा है, जो म्यांमार की सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहा है.
जनरल की दिनदहाड़े हत्या और संगठन की स्वीकारोक्ति
22 मई को यंगून की सड़कों पर ब्रिगेडियर जनरल चो तुन आंग की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात की जिम्मेदारी “गोल्डन वैली वॉरियर्स” ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है. यह संगठन सैन्य शासन के खिलाफ चल रहे सशस्त्र संघर्ष का हिस्सा है. 6 साल की बच्ची की गिरफ्तारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठनों में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि किसी नाबालिग को उसके परिजन के अपराध के लिए सजा देना कानून और नैतिकता, दोनों के खिलाफ है.
म्यांमार में राजनीतिक दमन की नई हदें
सैन्य शासन के खिलाफ उठती आवाजों को दबाने के लिए अब मासूम बच्चों को भी टारगेट किया जा रहा है. यह घटना म्यांमार में बढ़ते दमन और लोकतंत्र की गहराती विफलता की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करती है. इस घटना के बाद म्यांमार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है. कई मानवाधिकार संगठनों और देशों ने म्यांमार सरकार से अपील की है कि वह बच्चों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार न करे और कानून के दायरे में न्याय सुनिश्चित करे.
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