
रांची: झारखंड राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत बीएड कोर्स के प्राध्यापकों ने अपने सेवा स्थायीकरण को लेकर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है. रविवार को संघ के अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव की अध्यक्षता में एक आपातकालीन ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.
बीएड कोर्स की मान्यता को लेकर चिंताएँ
बैठक में मुख्य रूप से दो मुद्दों पर चर्चा की गई. पहला, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा साहेबगंज कॉलेज और गोड्डा कॉलेज के बीएड कोर्स की मान्यता को वापस लिए जाने की समस्या. दूसरा, कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा यूजीसी के नियमों का हवाला देते हुए संविदा विस्तार न किए जाने के साथ-साथ छह महीने से वेतन भुगतान लंबित रहने पर चिंता व्यक्त की गई. डॉ. यादव ने कहा कि बीएड कोर्स NCTE के रेगुलेशन के तहत संचालित होता है और प्राध्यापकों की योग्यता NCTE द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही मान्य है. उन्होंने कहा कि यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेश में संचालित बीएड कोर्स की मान्यता को खतरा हो सकता है.
वेतन और सेवा विस्तार की स्थिति
संघ के महासचिव डॉ. सचिन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्राध्यापकों को 7वें वेतनमान के अनुसार न्यूनतम ग्रेड पे 57700/- रुपये मानदेय दिया जाना चाहिए. साथ ही, यदि विश्वविद्यालय के पास फंड की कमी है, तो सरकार से अनुदान प्राप्त करने के प्रयास किए जाने चाहिए. डॉ. कुमार ने यह भी बताया कि पिछले 20 वर्षों से बीएड विभाग को किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली है.
बीएड पाठ्यक्रम के लिए व्यापक जागरूकता अभियान
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. शमशाद आलम ने कहा कि बीएड पाठ्यक्रम से संबंधित आवश्यक NCTE के नियमों की जानकारी माननीय विधायकगण को देकर, पिछले बजट सत्र में मिले आश्वासन को पूरा करने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीएड प्राध्यापकों के योगदान और लंबी सेवा को ध्यान में रखते हुए मंत्री परिषद से राज्य के 22 अंगीभूत महाविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम के शिक्षकों के पद सृजन की मांग करनी चाहिए. इसके लिए संघ को संगठित होकर आंदोलन चलाने का सुझाव दिया गया.
आंदोलन की योजना और संगठन की मजबूती
नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि संघ द्वारा निरंतर प्रयास किए जाने पर ही प्राध्यापकों की सेवा नियमित हो सकेगी. इसके लिए शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाने की आवश्यकता है.
संघ की नई कार्यकारिणी का गठन
बैठक में झारखंड राज्य बीएड प्राध्यापक संघ की नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया. संघ के अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव, सचिव डॉ. सचिन कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. शमशाद आलम और अन्य पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई.
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