
गया: गया में 6 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू हो रहा है। इस बार देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पिंडदान और तर्पण के लिए 45 वेदियां गया में और एक पुनपुन (पटना) में तय की गई हैं। इसके अलावा नौ प्रमुख तर्पण स्थल और कई सरोवर—जैसे ब्रह्म सरोवर, रामशिला, वैतरणी, सूर्यकुंड व प्रेतशिला—भी तैयार किए गए हैं।
ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था
जिला प्रशासन ने 64 सरकारी आवासों में 18,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की है। पर्यटन विभाग ने गांधी मैदान में 2,500 लोगों की क्षमता वाला टेंट सिटी भी बनाया है, जहाँ निःशुल्क ठहरने की सुविधा मिलेगी। यहाँ शौचालय, स्नानागार, पीने का पानी, रोशनी और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है। यात्रियों के लिए गंगाजल की आपूर्ति भी होगी।
महाकुंभ जैसी सफाई
पूरे शहर को 4 जोन और 54 सेक्टर में बाँटकर सफाई की व्यवस्था की गई है। 30,000 अतिरिक्त सफाईकर्मी लगाए गए हैं। फल्गु नदी को साफ रखने के लिए ट्रैश क्लीनिंग बोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाएं
पेयजल के लिए 299 हैंडपंप, 43 प्याऊ, 620 नल, 20 टैंकर और 4 वाटर एटीएम लगाए गए हैं।
70 स्वास्थ्य शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 125 डॉक्टर और 178 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे। गयाजी के अस्पतालों में कुल 245 से अधिक बेड श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित हैं। 12 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस और 5 मोबाइल मेडिकल टीमें भी तैयार हैं।
सुरक्षा और तकनीक का सहारा
मेला क्षेत्र में 49 हाईमास्ट, 3,500 स्ट्रीट लाइट और 7,500 तिरंगा रोप लाइट लगाई गई हैं।
श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए www.pinddaangaya.bihar.gov.in
वेबसाइट और “पिंडदान गया” मोबाइल ऐप बनाया गया है। इसमें आवास, स्वास्थ्य शिविर, वेदियाँ, घाट, बस स्टैंड और एटीएम तक की जानकारी उपलब्ध होगी।
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