
नोएडा: नोएडा सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम, जो बीते 30 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा था, अब सील होने की कगार पर पहुंच गया है। एक बुजुर्ग को बंधक बनाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासनिक मशीनरी हरकत में आई।
इंटरनेट मीडिया पर एक वृद्ध को बंद कमरे में अमानवीय तरीके से रखे जाने का वीडियो सामने आते ही राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया, और समाज कल्याण विभाग ने तत्काल जांच शुरू कर दी। शुक्रवार को विभाग की निरीक्षक नित्या द्विवेदी ने आश्रम पहुंचकर वृद्धजनों से बातचीत की और स्टाफ से दस्तावेज मांगे।
जांच में पता चला कि आश्रम के पास जो दस्तावेज उपलब्ध हैं, वे फर्जी प्रतीत हो रहे हैं। इनमें 1994 का जल नियंत्रण बोर्ड से जारी रिन्युअल प्रमाणपत्र भी शामिल है, जिसे प्रथम दृष्टया जाली माना गया है। विभाग ने पूर्व ट्रस्टी बीआर अरोड़ा को पांच दिन के भीतर जवाब देने का नोटिस भेजा है। जवाब नहीं मिलने पर आश्रम को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
आश्रम में वर्तमान में 39 बुजुर्ग रह रहे हैं। वरिष्ठ सहायक सारांश श्रीवास्तव ने बताया कि सभी स्वजनों को सूचना भेज दी गई है। तीन वृद्धजनों को दनकौर स्थित पंजीकृत जनकल्याण परिषद आश्रम में स्थानांतरित कर दिया गया है। हालांकि इस प्रक्रिया में एक बुजुर्ग को परिवारजन वापस ले गए, और अन्य के बारे में निर्णय शनिवार तक लिया जाएगा।
पत्रकार यश जैन ने कई बार आश्रम में अमानवीय व्यवहार और लचर प्रबंधन को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब सरकार ने पूरे मामले पर गंभीर रुख अपनाया है और सभी वृद्धाश्रमों को पंजीकरण हेतु नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
NGO संचालिका नीलिमा मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
इसे भी पढ़ें : Puri: पुरी रथ यात्रा में भगदड़ जैसी स्थिति, 3 की मौत, कई घायल