
मुरी/सिल्ली: सिल्ली-मुरी क्षेत्र में बीते कई वर्षों से अवैध लॉटरी कारोबार बेलगाम गति से फल-फूल रहा है. बस स्टैंड, बाजार, चौक-चौराहे और किराना दुकानों पर खुलेआम लॉटरी टिकट बेचे जा रहे हैं. इस अवैध धंधे से संचालक और विक्रेता तो मालामाल हो रहे हैं, लेकिन गरीब और निम्न वर्ग के लोग कर्ज में डूबते जा रहे हैं.
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि लॉटरी माफिया पश्चिम बंगाल से टिकट लाकर झारखंड के इलाकों में धड़ल्ले से बेच रहे हैं. यह सारा काम सुनियोजित “सेटिंग” के तहत हो रहा है. हर दिन लाखों रुपये की लॉटरी का खेल चलता है, जिसमें कई परिवार अपनी बचत गँवा रहे हैं.
लॉटरी टिकट खरीदने के लिए लोगों की भीड़ सुबह से ही दुकानों और ठिकानों पर पहुँच जाती है. किस्मत आजमाने की चाह में लोग रोज़ाना अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं. अधिकतर खरीदार वही हैं जो पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.
यह अवैध कारोबार स्थानीय संरक्षण में फलता-फूलता दिख रहा है. कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. लोगों का मानना है कि माफियाओं की पहुँच इतनी मजबूत हो चुकी है कि अब प्रशासन भी मौन सहमति से यह सब होने दे रहा है.
लॉटरी का यह खेल गरीबों के जीवन में जुआ, लत और तबाही का रूप ले चुका है. सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन तब तक चुप रहेगा जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए? इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी आखिर कौन निभाएगा?
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