West Singhbhum: शोषण, विस्थापन और वादाखिलाफी के विरुद्ध आंदोलन के मूड में ग्रामीण, मधु कोड़ा ने दी चेतावनी

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गुवा: सेल की गुवा लौह खदान में जन आंदोलन की पूर्व संध्या पर कंपनी प्रबंधन ने दबाव में आकर मृत नाबालिग ठेका मजदूर कानूराम चाम्पिया के आश्रित परिवार को मुआवज़े की पहली किश्त के रूप में 7.5 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है. हालांकि इस भुगतान की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है.

यह भुगतान ऐसे समय में किया गया है जब आज एक जुलाई को शाम तीन बजे से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में प्रस्तावित विशाल जन आंदोलन खदान के जनरल ऑफिस के समक्ष शुरू होने वाला है. इसमें संयुक्त मोर्चा, विस्थापित परिवार और स्थानीय बेरोजगार युवा भाग लेंगे.

 

तय हुआ था 30 लाख और नौकरी, अब तक अधूरा वादा
गत बैठक में कंपनी प्रबंधन, प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच यह तय हुआ था कि कानूराम चाम्पिया के परिजन को 30 लाख रुपये और नौकरी दी जाएगी. लेकिन न तो पूरा मुआवज़ा मिला, और न ही नौकरी की व्यवस्था की गई.

पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने आरोप लगाया कि कंपनी ने शव के सामने 30 लाख का चेक सौंपा, लेकिन वह बाउंस हो गया. यह न केवल वादाखिलाफी है, बल्कि अमानवीय धोखा भी है.

कोड़ा ने उठाया अन्य हादसों का भी मुद्दा
मधु कोड़ा ने खदान में हौलपैक टायर फटने की घटना का भी उल्लेख किया जिसमें एक कर्मचारी की मृत्यु हुई थी. उन्होंने कहा कि मृतक को केवल नियुक्ति पत्र देकर औपचारिकता निभा दी गई, जबकि घायल मजदूरों को बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पताल तक नहीं भेजा गया. यह प्रबंधन की संवेदनहीनता को दर्शाता है.

 

“गुवा खदान बन चुकी है शोषण का अड्डा”
कोड़ा ने तीखे शब्दों में कहा,
“सेल की गुवा खदान अब शोषण, विस्थापन और धोखे का अड्डा बन चुकी है. यहां बाहरी मजदूरों को लाकर स्थानीय शिक्षित युवाओं को हाशिए पर धकेला जा रहा है. अब आर-पार की लड़ाई होगी. यह सिर्फ कानूराम चाम्पिया का मामला नहीं, बल्कि पूरे गुवा-सारंडा और झारखंड के जल-जंगल-जमीन की लड़ाई है.”

 

आंदोलन की प्रमुख मांगें
संयुक्त मोर्चा और स्थानीय जन संगठनों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी की है:

कानूराम चाम्पिया के आश्रित को 30 लाख रुपये पूर्ण मुआवजा और स्थायी नौकरी

घायल मजदूरों को बेहतर इलाज की सुविधा

500 स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार

समान कार्य के लिए समान वेतन

खदानों में 100% स्थानीय नियुक्ति सुनिश्चित करना

विस्थापन से पूर्व पुनर्वास

बाहरी मजदूरों की भर्ती पर रोक

खदान से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

 

 

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