
चांडिल: नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी गांव में ‘क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो स्मृति समिति झिमड़ी’ द्वारा एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांतिवीर रघुनाथ महतो की 287वीं जयंती और शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा की गई. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 21 मार्च को रघुनाथ महतो की जयंती और 5 अप्रैल 2025 को शहादत दिवस को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा.
स्मारक और श्रद्धांजलि की तैयारी
बैठक के दौरान यह भी उल्लेख किया गया कि झिमड़ी के सोनाडुंगरी स्थित परिसर में पिछले वर्ष 5 अप्रैल को शहादत दिवस के अवसर पर रघुनाथ महतो की 6 फीट ऊंची आदमकद मूर्ति स्थापित की गई थी. इस बार भी उसी स्थल पर जयंती और शहादत दिवस के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
रघुनाथ महतो को मिलना चाहिए उचित सम्मान
बैठक में समिति के प्रमुख बासुदेव महतो ने कहा कि क्रांतिवीर रघुनाथ महतो को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह अब तक नहीं मिल सका है. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की कि रघुनाथ महतो की जयंती और शहादत दिवस पर सरकारी छुट्टी की घोषणा की जाए और उनके योगदान को इतिहास में उचित स्थान दिया जाए.
रघुनाथ महतो की शहादत और जीवन का महत्व
झिमड़ी पंचायत समिति सदस्य पद्मलोचन महतो ने बताया कि क्रांतिवीर रघुनाथ महतो का जन्म 21 मार्च 1738 को नीमडीह प्रखंड के रघुनाथपुर के पास स्थित घुंटियाडीह ग्राम में हुआ था. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 5 अप्रैल 1778 को सिल्ली के लोटा गांव के ‘गढ़तैंतेइर’ में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए शहादत दी. उनका बलिदान देश की आजादी के लिए हमेशा याद रखा जाएगा.
इस बैठक में बासुदेव महतो, पद्मलोचन महतो, गुहिराम महतो, गुणेश चन्द्र महतो, आदित्य महतो सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे. इन सभी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रघुनाथ महतो की जयंती और शहादत दिवस के आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी भागीदारी की इच्छा जताई.
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