
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस विवादास्पद फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि एक नाबालिग लड़की के स्तनों को पकड़ना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश करना बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के अपराध के दायरे में नहीं आता. यह मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में 2021 में हुई एक घटना से जुड़ा है, जिसमें दो आरोपियों, पवन और आकाश, पर 11 साल की एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को “पूरी तरह से असंवेदनशील” करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की और इस पर स्वत: संज्ञान लिया.
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