
जमशेदपुर: जमशेदपुर के समाहरणालय परिसर में पोषण पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व जिला समाज कल्याण शाखा ने किया. इस अवसर पर आंगनबाड़ी की सेविका और सहायिकाओं ने फूड स्टॉल लगाकर लोगों को संतुलित और पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी दी.
इस कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
उप विकास आयुक्त ने समझाया पोषण का महत्व
अपने संबोधन में उप विकास आयुक्त ने कहा कि पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य बच्चों के पहले 1000 दिनों की देखभाल, पोषण ट्रैकर में लाभार्थियों का समावेश, सामुदायिक स्तर पर कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में बढ़ते मोटापे की रोकथाम को लेकर जन-जागरूकता फैलाना है.
उन्होंने यह भी कहा कि समाज को चाहिए कि वह पोषण को लेकर सजग हो. पोषण सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता का आधार है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के सभी जिलों में यह अभियान चल रहा है ताकि अधिक से अधिक लोगों को सही जानकारी दी जा सके.
सेविकाओं ने दिखाया रसोई का कमाल
फूड स्टॉल के माध्यम से सेविकाओं ने पारंपरिक और स्थानीय व्यंजनों को इस प्रकार प्रस्तुत किया कि वे स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी बनें. पौष्टिकता को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए इन व्यंजनों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया.
प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया सम्मानित
फूड स्टॉल प्रतियोगिता में जमशेदपुर सदर ग्रामीण क्षेत्र को प्रथम पुरस्कार मिला. जमशेदपुर शहरी क्षेत्र को द्वितीय और पटमदा क्षेत्र को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ.
वहीं कुकिंग प्रतियोगिता में जमशेदपुर शहरी क्षेत्र प्रथम, जमशेदपुर ग्रामीण क्षेत्र द्वितीय और चाकुलिया तीसरे स्थान पर रहा. सभी विजेता सेविका/ सहायिकाओं को उप विकास आयुक्त द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए.
भविष्य की योजना: सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र
कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प लिया गया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को “सक्षम केंद्र” बनाया जाएगा. इनमें पोषण वाटिका, पेयजल की सुविधा, शौचालय और बच्चों के खेल व देखरेख की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.
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