
जमशेदपुर: कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्वयंभू प्रधान भगवान सिंह पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अब यह लोग झूठ को सच का रूप देने के लिए सरकारी पदाधिकारियों के साथ खिंचवाई गई तस्वीरों का सहारा ले रहे हैं. कुलविंदर सिंह के अनुसार, हाल ही में भगवान सिंह, शैलेंद्र सिंह और अन्य कुछ लोग उपायुक्त से शिष्टाचार भेंट के लिए उनके कार्यालय गए थे. वहां सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संबंध में चर्चा हुई और चुनाव मिलकर करवाने की बात रखी गई. लेकिन बैठक के बाद कमरे से बाहर आते ही इन लोगों ने मीडिया को तस्वीरें साझा कर यह प्रचारित करना शुरू कर दिया कि साकची गुरुद्वारा कमेटी का चुनाव सेंट्रल कमेटी ही कराएगी और उपायुक्त की ओर से उन्हें मजिस्ट्रेट और पुलिस बल भी दिया जाएगा.
संविधान की प्रमाणिकता पर भी सवाल
कुलविंदर सिंह ने एक और गंभीर बात उठाई. उन्होंने बताया कि एसडीओ शताब्दी मजूमदार को कमेटी का जो संविधान सौंपा गया, उसमें 6 अप्रैल 2003 की तारीख दर्ज है और उस पर शैलेंद्र सिंह के हस्ताक्षर हैं. जबकि हकीकत यह है कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पंजीकरण वर्ष 2007-2008 में हुआ था और इसकी निबंधन संख्या 346 है. इस हिसाब से वर्ष 2003 में कोई वैध संविधान था ही नहीं. कुलविंदर सिंह ने तीखे शब्दों में कहा कि तथाकथित प्रधान को अपने स्वार्थ के लिए हर मंच पर झूठ बोलने में कोई संकोच नहीं है. उन्होंने कटाक्ष किया कि उम्र के इस पड़ाव पर भी वह गलत तथ्य प्रस्तुत करने से नहीं हिचक रहे हैं. उन्होंने मानगो गुरुद्वारा का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान सिंह वहाँ बीते आठ वर्षों से प्रधान पद पर जमे हुए हैं और यही उनकी प्रवृत्ति को दर्शाता है. कुलविंदर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सिख समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ और गुरुद्वारा प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी को मोर्चा किसी हाल में सहन नहीं करेगा. उन्होंने संकेत दिए कि जल्द ही इस विषय को लेकर संगठन निर्णायक कदम उठा सकता है.
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