
जमशेदपुर: हूल दिवस के अवसर पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने भूइयांडीह स्थित वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने सादगीपूर्ण वातावरण में उपस्थित जनसमुदाय के साथ शहीदों को स्मरण किया. उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि 1855 में सिदो-कान्हू के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ हूल विद्रोह न केवल ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध आवाज़ था, बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को नई चेतना देने वाला क्रांतिक कदम भी था. यह विद्रोह आदिवासी वीरों-वीरांगनाओं की असाधारण राष्ट्रभक्ति और साहस का परिचायक रहा.
वीरों के आदर्श से लें प्रेरणा
उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो जैसे असंख्य बलिदानियों के त्याग, नेतृत्व और संघर्ष से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए. यह दिवस केवल स्मरण का नहीं, संकल्प का भी अवसर है — एक ऐसे भारत के निर्माण का, जो सामाजिक न्याय, समरसता और समानता पर आधारित हो. उपायुक्त ने जोर देकर कहा कि हमें उन शहीदों के सपनों को साकार करना है, जिन्होंने एक स्वतंत्र, न्यायपूर्ण और समानता आधारित देश की कल्पना की थी. आज की पीढ़ी का दायित्व है कि वह उनके मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करे और आगे बढ़ाए.
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